भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) ने 8 सितंबर को सम्राट मिहिर भोज (Emperor Mihir Bhoj) की प्रतिमा स्थापित की थी, जिसकी शिलापट्टिका पर लिखा था गुर्जर सम्राट मिहिर भोज. इसे लेकर राजपूत और गुर्जर समाज आमने-सामने आ गये हैं क्योंकि दोनों ही समाज के लोग सम्राट मिहिर भोज को अपने-अपने समाज का बता रहे हैं. ग्वालियर में तो विवाद थम गया लेकिन पड़ोसी भिंड-मुरैना में हिंसा की कई घटनाएं सामने आ रही हैं.
शुक्रवार को भी भिंड में तीन यात्री बसों के कांच फोड़ दिये गए. वहां नकाबपोश युवकों ने हाथों में लाठी लेकर बसों में तोड़फोड़ की. उधर, मुरैना जिले में हिंसा को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है. ग्वालियर और मुरैना के बीच चलने वाली यात्री बसों की सुरक्षा में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. वहां भी आधा दर्जन से अधिक बसों में तोडफ़ोड़ हुई है.
पुलिस ने नूराबाद, बानमोर थाना में बस क्षतिग्रस्त करने वालों और मुरैना-कोतवाली में पोस्टर फाड़ने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के दादरी में भी योगी आदित्यनाथ द्वारा सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति का अनावरण के बाद विवाद बढ़ गया है. राजपूत खुद को सम्राट मिहिर भोज का वंशज बता रहे हैं तो गुर्जर भी उन्हें अपना वंशज बता रहे हैं.