कर्नाटक के मैंगलोर में पुलिस ने एक हैरतंगेज घटना का खुलासा किया है. यहां चार लोग नकली नोट छापने और उसे मार्केट में सर्कुलेट करने के आरोप में पकड़े गए हैं. इन लोगों से जब पूछताछ हुई तो पता चला कि ये लोग कर्ज तले दबे हैं और कर्ज चुकाने के लिए ही इन्होंने नकली नोट का धंधा शुरू किया. बाद में जब कमाई खूब होने लगी तो आरोपियों ने बड़े पैमाने पर नोटों की छपाई शुरू कर दी. पुलिस ने आरोपियों के पास से 500 रुपये के नोटों की बड़ी खेप बरामद की है. यह नोट 2 लाख 13 हजार 500 रुपये मूल्य के हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान केरल के कासरगोड में रहने वाले वी प्रीयेश (38), विनोद कुमार के (33), अब्दुल खादर एसएम (58) और दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर में रहने वाले अयूब खान (51) के रूप में हुई है. शहर के पुलिस कमिश्नर अनुपम अग्रवाल ने आरोपियों की गिरफ्तारी और इस वारदात का खुलासा करने वाले पुलिसकर्मियों को बधाई दी है. उन्होंने बताया कि इस गिरोह का मास्टर माइंड प्रीयेश है.
यूट्यूब पर सीखा तरीका
कुछ दिन पहले तक वह कर्ज से डुबा हुआ था और जल्द से जल्द कर्ज चुकाकर अमीर बनने का कोई शार्ट तरीका ढूंढ रहा था. इसी दौरान उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा और अपने घर में नोट छापने की मशीन लगा ली. आरोपी ने पहले यूट्यूब पर अलग अलग वीडियो देखकर नोट छापने के बारे में देखा, समझा और फिर कझिकोड और दिल्ली से नोट छापने के लिए ऑनलाइन कच्चा माल मंगाने लगा. इसके बाद आरोपी ने पांच सौ रुपये के नोटों की छपाई शुरू कर दी.
ऐसे हुई गिरफ्तारी
इसके बाद आरोपी ने अन्य आरोपियों को भी गिरोह में शामिल किया और इन्हें छापे गए नकली नोट को बाजार में चलाने की जिम्मेदारी दी. पुलिस के मुताबिक आरोपी के प्रेस में छपने वाले नोटों की गुणवत्ता इतनी अच्छी थी कि एक नजर में उसे पहचानना मुश्किल था. इसकी वजह से इनका धंधा चल निकला था. पुलिस के मुताबिक आरोपी मार्केट में एक लाख रुपये के नकली नोट चलाने के लिए 25 हजार रुपये खर्च करते थे.
रंगे हाथ पकड़े गए आरोपी
इसके बाद नगर के व्यापारियों व व्यवसायियों को झांसा देकर भी काफी नोट चला लेते थे. हालांकि इसी दौरान शक होने पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने आरोपियों के बारे में पुलिस को सूचना दे दी. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों का पीछा किया और नकली नोटों की खेप के साथ इन्हें अरेस्ट किया है. पुलिस ने बताया कि फिलहाल मामले की जांच जारी है