मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए तारीख घोषित हो चुकी है. तारीखों के ऐलान के साथ ही आज से पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है. चुनाव ऐलान के ठीक बाद दिल्ली में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक भी हुई. बैठक में चुनाव से जुड़े मुद्दे और बीजेपी को घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई. इसके साथ-साथ जातीय जनगणना को लेकर बड़ा फैसला लिया गया.
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मीटिंग में जातिगत जनगणना पर चर्चा हुई है और सभी ने इसका समर्थन किया है. कांग्रेस के मुख्यमंत्री अपने-अपने राज्यों में जातिगत जनगणना कराएंगे. ओबीसी का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा देश में जिसकी आबादी करीब 50 फीसदी के आसपास है, सरकार में उसकी कोई भूमिका नहीं है
राहुल बोले- बीजेपी जातीय जनगणना से भाग क्यों रही है?
राहुल गांधी ने कहा कि, देश का एक्सरे होना चाहिए. हमें लगता है कि हिंदुस्तान में जो भागीदारी ओबीसी, आदिवासी की होनी चाहिए वो नहीं है. ऐसे में अगर जातिगत जनगणना होती है तो सच्चाई सामने आ जाएगी. बीजेपी जातिगत जनगणना से क्यों भाग रही है. उन्होंने आगे कहा, इंडिया गठबंधन की बहुत सारी पार्टियां भी जाति आधारित गणना का समर्थन करेंगी. एक दो पार्टियों की राय अलग हो सकती है, लेकिन अधिकतर पार्टियां इसका समर्थन करेंगी.
‘हम बीजेपी पर दबाव बनाएंगे और काम कराएंगे’
बीजेपी पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने देश में जो नफरत फैलाई है वो किसी को अच्छा नहीं लग रहा है. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने यह फैसला लिया है कि हम जाति आधारित गणना को लागू करेंगे. हम बीजेपी पर दबाव बनाकर उनसे ये काम कराएंगे. अगर बीजेपी ये काम नहीं करती है तो वो रास्ता छोड़ दें.
इकोनॉमिक सर्वे भी कराएंगे: राहुल
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए राहुल ने कहा कि वर्तमान में दो हिंदुस्तान बन रहे हैं. एक अडानी का और दूसरा सबका. ऐसे में जातीय जनगणना जरूरी है. इसके बाद विकास का नया पैरामीटर खुलेगा. कांग्रेस पार्टी इस काम को पूरा करके ही छोड़ेगी. जातीय जनगणना के बाद हम आर्थिक सर्वे भी कराएंगे और जानेंगे किसके पास कितनी संपत्ति है और वो कहा है.
‘हम धन और आबादी के बारे में सवाल कर रहे हैं’
राहुल ने कहा, जातिगत जनगणना के पीछे हिस्सेदारी की बात है. वो हिस्सेदारी हम लोगों को देकर रहेंगे. कास्ट सेंसस होगा और देश के गरीबों की जो जिम्मेदारी बनती है वो कांग्रेस उन्हें देकर दिखाएंगी. कास्ट सेंसस से यह साफ हो जाएगा कि देश में किसकी कितनी आबादी है. देश के धन में ओबीसी की कितनी हिस्सेदारी है, आदिवासी की हिस्सेदारी कितनी है, दलित की हिस्सेदारी कितनी है, ये पता लगाना है.