शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज अंतरिम जमानत मिलेगी या नहीं, सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले में सुनवाई करेगा. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी. केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने अपनी याचिका में गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया है.
इससे पहले 3 मई को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी. उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं, इस पर 7 मई को विचार किया जाएगा. शराब नीति केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह 1 अप्रैल से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.
3 मई की सुनवाई में क्या हुआ?
शीर्ष अदालत ने तीन मई को कहा था कि वह मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार कर सकती है. केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में करीब दो घंटे सुनवाई हुई. केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू पेश हुए. दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं.
सिंघवी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है. केजरीवाल ने ईडी के सभी 9 समन का जवाब दिया था. जांच एजेंसी के सामने पेश न होना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश वकील राजू ने केजरीवाल की गिरफ्तारी का आधार बताया थी.
उन्होंने कहा केजरीवाल को गिरफ्तार करने का फैसला सिर्फ जांच एजेंसी का नहीं है बल्कि एक स्पेशल जज द्वारा भी लिया गया था. राजू ने कहा कि केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को हाई कोर्ट में भी चुनौती दी थी लेकिन वहां से उनकी याचिका खारिज हो गई.
कोर्ट ने पूछे थे ये सवाल
सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि क्या ईडी ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ कोई मुकदमा चलाया है? सिंघवी ने जवाब दिया- नहीं. जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा- भविष्य में AAP को आरोपी बनाया जाएगा? सिंघवी ने कहा कि लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाए. जस्टिस संजीव खन्ना ने सिंघवी की दलील को गलत बताया और कहा कि प्रभारी व्यक्ति को जिम्मेदार माना जाएगा. क्या यह माना जा सकता है कि धारा 70 के तहत गिरफ्तार किया गया है.
सिंघवी ने कहा- मेरी दलील ये है कि महज कंपनी का नाम होने से उसके एमडी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति कंपनी का प्रभारी है, अगर उसकी कंपनी कोई क्राइम करती है तो उसका प्रभारी भी उसका जिम्मेदार होगा.