राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 2022 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में पिछले साल की तुलना में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 4 फीसदी इजाफा का खुलासा हुआ है. उस साल महिलाओं के खिलाफ कुल 4,45,256 मामले दर्ज किए गए. रविवार को जब तीन राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की मतगणना हो रही थी. उसी दिन एनसीआरबी ने रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट से बच्चों, अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी), और साइबर अपराधों के खिलाफ अपराधों में खुलासा हुआ है.
एनसीआरबी की रिपोर्ट में भारत में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर के रूप में दिल्ली का नाम उभर कर सामने आया है. दिल्ली में 2022 में 1,204 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए. इसके अलावा, ये मामले देश में महिलाओं के खिलाफ दर्ज किए गए कुल अपराधों का 31.20% थे. इस तरह से दिल्ली में 2022 में प्रतिदिन औसतन तीन बलात्कार के मामले सामने आए, जो महिलाओं की असुरक्षा के तथ्य को उजागर कर रहा है.
एनसीआरबी रिपोर्ट में 19 महानगरीय शहरों में 48,755 रिपोर्ट किए गए मामलों का जिक्र किया गया. इसमें दिल्ली में सबसे अधिक 14,158 मामले हुए हैं. मुंबई में इसके बाद 6,176 मामले दर्ज किए गए,
साइबर क्राइम में भी दिल्ली नंबर वन
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में साइबर अपराध के मामले 2022 में लगभग दोगुने हो गए. एनसीआरबी के 2022 रिपोर्ट के अनुसार साइबर क्राइम के मामले की संख्या 2021 में 345 से बढ़कर 2022 में 685 मामले हो गई. इसमें कहा गया है कि 2020 में साइबर अपराध के केवल 166 मामलों के साथ यह संख्या काफी कम थी.
2022 में दिल्ली में साइबर क्राइम के 685 मामले दर्ज किए गए. इनमें 331 साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं थीं, 55 कंप्यूटर से संबंधित अपराध थे और पांच धोखाधड़ी की घटनाएं थीं. अश्लील कृत्यों के ऑनलाइन प्रकाशन के लिए 184 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए और अश्लील सामग्री को ऑनलाइन प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए 21 मामले दर्ज किए गए.
घरेलू हिंसा के मामले में इजाफा का खुलासा
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे अधिक 65,743 मामलों वाला राज्य है. इसके बाद 45,331 मामलों के साथ महाराष्ट्र और 45,058 मामलों के साथ राजस्थान का स्थान है. रिपोर्ट में 2022 में 31,516 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए. राजस्थान में सबसे अधिक 5,399 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद उत्तर प्रदेश (3,690), और मध्य प्रदेश (3,029) का स्थान है. उत्तर प्रदेश में ‘बलात्कार/सामूहिक बलात्कार के साथ हत्या’ की श्रेणी में रखे गए 62 मामले दर्ज किए गए हैं.
एनसीआरबी रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 31.4% मामलों में पतियों या रिश्तेदारों द्वारा क्रूर कृत्य किए गए, जो घरेलू हिंसा को उजागर कर रहा है. वहीं, महिलाओं के अपहरण और अपहरण के 19.2% मामले सामने आए. शील भंग करने के इरादे से हमला करने के 18.7% मामले सामने आए. इसी तरह से रिपोर्ट किए गए अपराधों में बलात्कार के मामले 7.1% हैं, जो इस जघन्य अपराध की निरंतरता को दर्शा रहा है.