नई दिल्ली : दिल्ली में सोमवार शाम यमुना खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई। हथिनीकुंड बैराज से रविवार को छोड़े गए पानी के कारण दिल्ली में चार दशक की सबसे बड़ी बाढ़ का खतरा है। इस वक्त यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 0.61 मीटर ऊपर है। बता दें कि खतरे का निशान 205.33 मीटर है और इस वक्त यमुना का जलस्तर 205.94 मीटर है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए करीब 10 हजार लोगों को निचले इलाकों से निकालकर प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत टेंटों में भेजा गया है।’
यही वजह है कि दिल्ली और आसपास के इलाको में यमुना के निचले इलाकों को खाली करवाया जा रहा है ताकि किसी भी तरह की आपदा से समय रहते बचा जा सके। बताया जा रहा है कि यमुना का जलस्तर 207 मीटर तक जा सकता है।
रात 9 बजे 205.54 मीटर के निशान पर
प्रशासन ने यमुना नदी डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों से कहा कि राहत टेंट में चले जाएं और अपने घरों में नहीं रहें। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि शाम छह बजे नदी में जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से थोड़ा ऊपर यानी 205.36 मीटर तक पहुंच गया। अधिकारी ने बताया कि जलस्तर और बढ़ने की आशंका है क्योंकि हरियाणा ने सोमवार शाम छह बजे 1.43 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, रात 9 बजे यमुना 205.54 मीटर के निशान पर बह रही थी।
सोमवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने की थी बैठक
सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक कर यमुना के किनारे बसे 24 हजार लोगों को हटाने के निर्देेश दिए हैं। सरकार ने उनके लिए 2100 से ज्यादा अस्थायी टेंट बनाए हैं।
पुराने लोहे के पुल को वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। केंद्रीय जल आयोग ने कहा है कि दिल्ली में बाढ़ का सबसे ज्यादा खतरा मंगलवार रात से लेकर बुधवार सुबह तक है। इसे लेकर सभी जिम्मेदार महकमे अलर्ट पर हैं।
हेल्पलाइन नंबर जारी
दिल्ली सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए हैं। सरकार ने कहा कि आने वाले दो दिन काफी गंभीर हैं। किसी प्रकार की मदद के लिए 011-22421656 और 011- 21210849 पर कॉल की जा सकती है।