दिल्ली: उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर लगातार उठ रहे सवाल के चलते योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। यूपी के पुलिस सिस्टम को लेकर योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पहली बार लखनऊ-नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर दिया है। योगी कैबिनेट ने नए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। दिल्ली, मुंबई की तरह अब लखनऊ और नोएडा में भी पुलिस कमिश्नर होंगे। लखनऊ को दो अलग-अलग भागो में बांटा जाएगा।
आलोक सिंह लखनऊ तो सुजीत पांडे लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर बनाए गए
आलोक सिंह नोएडा के तो सुजीत पांडे लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर बनाए गए हैं। उधर, नोएडा और लखनऊ में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम में पुलिस के अधिकार को लेकर बहस शुरू हो गई है। योगी कैबिनेट ने लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में पुलिस कमीशनर प्रणाली लागू होगी। एडीजी लेवल के अफसर कमिश्नर होंगे, इनके साथ दो ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर-आईजी रैंक के अधिकारी होंगे। एसपी रैंक के करीब 9 अफसर तैनात होंगे।
लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर के पद पर एडीजी स्तर के अफसर की तैनाती पर मुहर लग गई है। कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चालीस थाने होंगे, ADG रैंक का कमीशनर होगा। महिला सुरक्षा के लिए एसपी रैंक की महिला अधिकारी की तैनाती दी जा रही है। यातायात के लिए भी विशेष तैनाती होगी। निर्भया फंड से CCTV कैमरे लगेंगे।
बता दें कि 15 राज्यों के 71 शहरों में कमिश्नरेट प्रणाली पहले से लागू है। यूपी में योगी के सत्ता संभालने के बाद इस सिस्टम के लिए कवायद शुरू तो हुई थी, लेकिन ब्यूरोक्रेसी के दबाव में बात अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। अब लखनऊ और नोएडा से इसकी शुरुआत हुई है।