राजधानी दिल्ली में खाने पीने के शौकीनों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा फूड फेस्टिवल शुरू हो गया है. इस फेस्टिवल का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. यह फेस्टिवल अगने तीन दिनों तक राजधानी के भारत मंडपम में आयोजित होगा. बड़ी बात यह है कि इसमें सिर्फ भारत नहीं, बल्कि दुनिया के 80 देशों के लोगों का जमावड़ा होगा.
उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “21वीं सदी में सबसे बड़ी चुनतियों में से एक फ़ूड सिक्योरिटी भी है. पिछले 9 साल में इस सेक्टर में 50 हजार करोड़ का विदेशी निवेश आया है. वहीं, भारत में 100 से ज्यादा डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब तैयार हुए हैं. पहले भारत में सिर्फ दो मेगा फ़ूड पार्क होते थे, लेकिन आज इनकी संख्या 20 से ज्यादा हो गई है.”
फेस्टिवल में देश के सभी आयुष शोध संस्थान और स्टार्टअप भी इस बार हिस्सा ले रहे हैं. केंद्रीय आयुष मंत्रालय के मुताबिक इस उत्सव को खास बनाने के लिए चेन्नई के CCRS ने पंचमुत्ती दलिया, हिबिस्कस जैम, हिबिस्कस जलसेक चाय, सफेद ज्वार की गेंदें, ओक फर्न कंद सूप, फिंगर मिलेट बॉल, हलीम नाचोस और भृंगराज कन्फेक्शनरी की पेशकश रखी गई है.
200 से ज्यादा शेफ लेगें हिस्सा
आयुष मंत्रालय के मुताबिक आयुष आहार के लिए 6 काउंटर लगाए गए हैं. हर प्रकार के खाने के लिए क्यूआर कोड भी हैं. इस खास कार्यक्रम में 200 से ज्यादा शेफ भाग लेंगे और पारंपरिक भारतीय व्यंजन पेश करेंगे. इसकी शुरुआत साल 2017 में हुई थी, लेकिन उसके बाद कोरोना महामारी के चलते इसका आयोजन नहीं हो सका था.
क्या है कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
प्रधानमंत्री वर्ल्ड फूड इंडिया 2023 के हिस्से के रूप में फूड स्ट्रीट कार्यक्रम का भी उद्घाटन करेंगे. इसके तहत भारत के विभिन्न और पारंपरिक भारतीय व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाएगा. इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारत को “दुनिया की खाद्य टोकरी” के रूप में प्रदर्शित करना और 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाना है.
निवेश पर भी होगा ध्यान
सम्मेलन के दौरान कई तरह की चर्चाओं के लिए मंच भी तैयार किए गए हैं, जिसमें साझेदारियों और निवेश के अवसरों की खोज की जाएगी. इसके तहत निवेश पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा और व्यवसाय करने के लिए उचित माहौल तैयार किया जाएगा.
आधिकारिक सूचना के अनुसार कार्यक्रम में 80 से अधिक देशों के 1200 से अधिक विदेशी खरीदारों के लिए बायर-सेलर मीट की भी सुविधा दी जाएगी. इस आयोजन में नीदरलैंड भागीदार देश की भूमिकी निभा रहा है, जबकि जापान इस आयोजन का फोकस देश होगा.