नई दिल्ली: आवारा कुत्तों के आतंक ने दिल्ली पुलिस की आंखों से नींद गायब कर दी है. यहां तीन दिन के अंदर एक ही परिवार के दो मासूम आवारा कुत्तों के शिकार हो गए. अपने 7 और 5 साल के चिरागों को बुझता देख मां का कलेजा भी कांप उठा है. बेसुद मां अभी भी यकीन नहीं कर पा रही है, कि उसके दो मासूम बेटों को कुत्तों ने नोंच-नोंचकर मार डाला. मृतकों के शव पर कुत्तों के दांतों के निशान पाए गए हैं. साथ ही क्षत-विक्षत शव भी बरामद हुए हैं.
मामला वसंत कुंज साउथ थाना क्षेत्र का है. यहां स्थित रंगपुरी पहाड़ी के सिंधी बस्ती निवासी दो सगे भाइ आवारा कुत्तों के शिकार हो गए. बताया जा रहा है कि मूलरूप से इलाहाबाद के गोसाई नगर निवासी मानसिक रूप से बीमार पिता, पार्लर में काम करने वाली मां और तीन बच्चे अंत(9 साल), आनंद (7 साल) और आदित्य (5 साल) रहते हैं. दो दिन पहले यानी शुक्रवार को आनंद अचानक लापता हो गया. परिजनों ने थाने में शिकायत भी की. पुलिस मासूम की तलाश में जुट गई. दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आनंद का शव जंगल में एक दीवार के पास पड़ा मिला.
7 साल के आनंद के शव के टुकड़े बरामद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मासूम बच्चे का क्षत-विक्षत शव मिला. शरीर पर आवारा कुत्तों के दांतों के निशान पाए गए. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. वहीं, स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि जंगल में आवारा कुत्तों का झुंड काफी आक्रामक है. उधर, 7 साल के आनंद की मौत से सदमे में गई मां की आंखों के आंसू अभी सूखे भी नहीं थे, कि दो दिन बाद यानी रविवार को उसका दूसरा लाल भी आवारा कुत्तों के आगे बलि चढ़ गया.
दो दिन बाद छोटे बेटे की भी गई जान
दरअसल, मृतक आनंद का 5 साल का छोटा भाई आदित्य अपने चचेरे भाई चंदन के साथ जंगल में शौच करने गया. तभी आवारा कुत्तों ने उसपर हमला कर दिया. मासूम को लहूलुहान कर दिया. साथ में मौजूद चचेरा भाई चंदन आवारा कुत्तों के आगे बेबस होकर चीखता रहा. चीखें सुनकर पास ही मौजूद जांच अधिकारी एसआई महेंद्र मौके पर पहुंचे और आवारा कुत्तों को भगाया. लहूलुहान आदित्य को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया.
दो दिन में बुझ गए दो चिराग
वहीं, दो दिन में अपने दो लाल को खो चुकी मां बेबस नजरों से पुलिस और सरकार से इंसाफ की गुहार कर रही है. आवारा कुत्तों के हमले में महिला के दोनों चिराग बुझ गए. अब उसे अपने 9 साल के अंत की चिंता सताने लगी है.