महाराष्ट्र में अपनी मांगों को लेकर किसान संगठनों ने एक बार फिर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सूखे के लिये मुआवजे और आदिवासियों को वन्य अधिकार सौंपे जाने की मांग को लेकर हजारों किसान एवं आदिवासियों ने बुधवार को ठाणे से मुंबई तक दो दिवसीय मार्च शुरू किया. किसान-आदिवासी लोक संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों किसान ठाणे पहुँचे. किसानों का यह मार्च मुंबई के आजाद मैदान की ओर कूच कर रहा है. सभी किसान वहां पहुंचकर राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित एवं भारत के जल पुरुष के नाम से मशहूर डॉ. राजेन्द्र सिंह भी मार्च करने वालों में शामिल हैंआठ महीने पहले किसानों ने नासिक से ऐसा ही मार्च शुरू किया था.
महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाको से किसान फिर से एक बार मुंबई पहुंच रहें है. खासकर यह आदिवासी किसान है. जो कई पुश्तो से खेती तो कर रहें है लेकिन जमीन रिकार्ड पर उनका नाम नही है. जमीन रिकार्ड पर नाम ना होने से उनके सरकारी योजनाओं का फायदा नही मिल रहाँ है. पिछले दिनो महाराष्ट सरकार नें किसानो के लिए कर्ज माफी की घोषणा कर दी. लेकिन हजारो किसानो को उसका लाभ मिला. तो यह सभी किसान लोकसंघर्ष यात्रा के तहत एक साथ आ गए और उन्होनें मुंबई की ओर कुच कर दिया. किसानों की मांग है कि आदिवासियों की जमीन के मसले को सुलझाया जाए. साथ ही लोड शेडिंग की समस्या, वनाधिकार कानून, सूखे से राहत, न्यूनतन समर्थन मूल्य, स्वामीनाथ रिपोर्ट को जल्द से जल्द लागू किया जाए.