दिल्ली सरकार के मंत्रियों और दिल्ली विधानसभा के सदस्यों के वेतन और भत्तों में 66 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है. अब दिल्ली के विधायकों का वेतन भत्ता 54,000 से बढ़ाकर 90 हजार रुपए कर दिया गया है. वहीं, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और विपक्ष के नेता के वेतन भत्ते को मौजूदा 72,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख 70 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है. इसकी अधिसूचना संबंधित मंत्रालय ने जारी कर दी है.
विभागीय सूचना के मुताबिक, एक विधायक को वर्तमान में 12,000 रुपए मासिक वेतन मिलता है, जो वेतन वृद्धि के बाद अब बढ़कर 30,000 रुपए हो गया है. फिलहाल दिल्ली के विधायकों को प्रतिमाह 18,000 रुपए निर्वाचन क्षेत्र भत्ता मिलता था, जो अब बढ़ाकर 25,000 रुपए हो गया है. इसके अलावा वाहन भत्ता 6,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दिया गया है. वहीं, सचिवीय भत्ता 10,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए कर दिया गया है. ऐसे में अब विधायकों को 54,000 रुपए की जगह 90,000 रुपए मिलेंगे.
इस वक्त दिल्ली के विधायकों को टेलीफोन भत्ता के रूप में 8,000 रुपए प्रतिमाह मिल रहा था, जिसमें 2,000 रुपए का इजाफा करते हुए इसे 10,000 रुपए कर दिया गया है. मुख्यमंत्री, मंत्रियों, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और विपक्ष के नेता के वेतन में 300 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इसे मौजूदा 20,000 रुपए मासिक से बढ़ाकर 60,000 रुपए मासिक कर दिया गया है. इसके अलावा, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता मौजूदा 18,000 रुपए से बढ़ाकर 30,000 रुपए, सत्कार भत्ता मौजूदा 4,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए, सचिवालय सहायता भत्ता 25,000 रुपए और दैनिक भत्ता मौजूदा 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपए कर दिया गया है. ऐसे में अब इनकी कुल सैलरी 1 लाख 72 हजार रुपए तक हो गई है.
इसके अलावा उन्हें परिवार के साथ सालाना एक लाख रुपए तक की यात्रा की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी. इससे पहले यह राशि 50,000 रुपए थी. वहीं, प्रतिमाह 20,000 रुपए का मुफ्त आवास, ड्राइवर के साथ कार का मुफ्त इस्तेमाल या मासिक 10,000 रुपए वाहन भत्ता दिया जाएगा, जो पहले मात्र 2,000 रुपए था. इस संबंध में 9 मार्च को दिल्ली सरकार के लॉ एंड जस्टिस और विधायी मामलों के विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया. इस वेतन वृद्धि के बाद भी दिल्ली के कानून निर्माताओं की सैलरी सबसे कम है. विधायकों के वेतन में पिछले 11 वर्षों में यह पहली वृद्धि है.
गौरतलब है कि मंत्रियों, विधायकों, मुख्य सचेतक, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता के वेतन में वृद्धि के लिए पांच अलग-अलग विधेयक पेश किए गए थे, जिन्हें पास करने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था, जहां से मंजूरी मिलने के बाद अब यह लागू हो लागू हो गया है. यानि सीबीआई-ईडी के कार्रवाई के बीच यह एक अच्छी खबर है दिल्ली के नेताओं के लिए.