फरीदाबाद में सभी पार्षदों की एक सदन मीटिंग आयोजन किया गया. इस मीटिंग के तहत शहर में हो रहे विकास कार्यों और समस्याओं को लेकर चर्चा की गयी. मीटिंग का खास मुद्दा रहा इको ग्रीन कंपनी, जो स्वच्छता अभियान को लेकर भारी कोताही बरत रही है . वार्ड नंबर 23 की पार्षद गीता रेक्सवाल ने इको ग्रीन कंपनी के खिलाफ मामला उठाया. गीता रेक्सवाल ने मुद्दा उठाते हुए कहा है कि इको ग्रीन कंपनी शहर में कूड़े को ढंग से नहीं उठा रही है जगह-जगह शहर में कूड़ा भरा पड़ा है. शिकायत करने के बाद भी इको ग्रीन कंपनी मामले को अनसुना कर देती है. साथ ही उन्होंने कहा है कि इको ग्रीन कंपनी पर कड़ा जुर्माना लगाया जाना चाहिए और कंपनी का प्रस्ताव- टेंडर भी रद्द कर देना चाहिए. इस दौरान गीता रेक्सवाल ने सूर्या नगर, सूर्या विहार ,सेहतपुर के पास सरकारी स्कूल, सेहतपुर पार्क, बांध रोड, चेतन मार्केट के आसपास का इलाका आदि जगहों पर पड़े कूड़े के बारे में सदन को अवगत कराया. साथ ही कूड़े को जल्द से जल्द उठाने के लिए सदन के अधिकारियों से कहा.
आपको बता दे कि तकरीबन पांच महीने से पार्षदों की एक भी मीटिंग नहीं की गयी थी. बीते हफ्ते में सभी पार्षदों की एक बैठक भी रखी गयी थी लेकिन निगमायुक्त के ना आने से मीटिंग को रद्द कर दिया गया था.
वहीं वार्ड नंबर 22 के पार्षद जितेंद्र यादव ने भी इको ग्रीन कंपनी के काम ना करने के खिलाफ मुद्दा उठाते हुए कहा है कि इको ग्रीन कंपनी वाले गुंडागर्दी फैला रहे हैं. अगर पार्षद इलाके में फैल रहे कूड़े के बारे में शिकायत करता है तो इकोग्रीन के कर्मचारी पार्षद से ही गलत व्यवहार करते हैं. इको ग्रीन कंपनी के कर्मचारी द्वारा गलत व्यवहार करने की शिकायत जनता द्वारा भी कई बार मिल चुकी है.
इको ग्रीन कंपनी की शिकायत मिलने के बाद सदन में पूरी सहमति के साथ कंपनी को 45 दिन का वक्त देने की बात कही है. अगर इस दौरान इको ग्रीन कंपनी की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं होता है तो उन्हें कानूनी नोटिस भेजकर कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.