अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से हालात खराब हैं. काबुल एयरपोर्ट से आईं तस्वीरों ने पूरी दुनिया को झकझोर के रख दिया. वहां के हालात पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का बयान आया है. अफ़ग़ानिस्तान से अपने सैनिकों को निकालने के फैसले का बचाव करते हुए बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान को अमेरिका ने बीच मंझधार में नहीं छोड़ा है. 20 साल में तीन लाख अफगानी सैनिक तैयार किए. सालों तक वहां काम किया, लेकिन वहां के राष्ट्रपति बिना लड़े ही भाग खड़े हुए. सवाल राष्ट्रपति अशरफ गनी से किए जाने चाहिए. बाइडेन ने अफगानिस्तान में भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या बताया. उन्होंने माना कि अफगानिस्तान में उम्मीद से पहले बड़े बदलाव हो गए.
बता दें कि अफगानिस्तान से भागते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने हेलीकॉप्टर में ठूंस-ठूंस कर नकदी भरी, लेकिन जगह की कमी के कारण नोटों से भरे कुछ बैग रनवे पर ही छोड़ने पड़ गए थे. रूस की आधिकारिक मीडिया ने एक खबर में यह दावा किया. गौरतलब है कि रविवार को काबुल पर तालिबान के कब्जे के साथ ही अमेरिका समर्थित गनी सरकार गिर गयी और राष्ट्रपति देश-विदेश के सामान्य लोगों की तरह देश छोड़ने पर मजबूर हो गए. वहीं अफगानिस्तान से भारतीयों की वापसी पर विदेश मंत्रालय का बयान आया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, अफगानिस्तान में पिछले कुछ दिनों से हालात बहुत तेजी से बदल रहे हैं. भारत सरकार अफगानिस्तान के घटनाक्रमों पर बारीक निगाह रखे हुई है. हमने वहां मौजूद अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए लगातार एडवाइजरी जारी करते रहे हैं, जिसमें लौटने की अपील भी शामिल है. कुछ भारतीय अभी भी वहां हैं और उनके संपर्क में हैं जो लौटना चाहते हैं.
‘तालिबान के आगे कभी नहीं झुकूंगा’ : अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति ने नई जंग के लिए भरी हुंकार
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने साफ कहा है कि उनकी सरकार के कमज़ोर पड़ने के बाद तालिबान ने भले ही राजधानी काबुल पर कब्ज़ा कर लिया है, लेकिन वह समर्पण नहीं करने वाले. ऐसा प्रतीत होता है कि वह देश के अपने अंतिम ठिकाने, काबुल के पूर्वोत्तर में स्थित पंजशीर घाटी की ओर कूच कर गए हैं. अंडरग्राउंड होने के पहले सालेह ने रविवार को ट्विटर पर लिखा, ‘मैं उन लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा, जिन्होंने मुझे चुना. मैं तालिबान के साथ कभी भी नहीं रहूंगा, कभी नहीं.’
फेसबुक ने तालिबान को किया बैन
फेसबुक ने तालिबान को अपने प्लेटफॉर्म से पूरी तरह बैन कर दिया है. फेसबुक का कहना है कि अमेरिकी कानून के तहत तालिबान एक आतंकी संगठन है और इसलिए हमारी सर्विस में वह बैन रहेगा. फेसबुक की नीतियों के मुताबिक- आतंकी संगठन को प्लेटफॉर्म पर जगह नहीं दी जा सकती. तालिबान या उससे जुड़े किसी भी अकाउंट या पोस्ट को फेसबुक पर जगह नहीं मिलेगी. हम उनके द्वारा मेंटेन किए जा रहे अकाउंट्स को हटा रहे हैं.