नई दिल्ली : देश के चार अहम राज्यों में विधानसभा चुनावों की आहट के बीच दलित संगठन संत रविदास मंदिर को तोड़े जाने के विवाद में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। दलित संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर वह समय रहते संत रविदास के मंदिर को दोबारा बनाने पर कोई फैसला नहीं लेती है तो पूरे देश में भारत बंद का आयोजन किया जाएगा। वहीं, भाजपा का कहना है कि संत रविदास के मंदिर के नाम के पीछे कुछ निहित तत्व राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि जिस फैसले के तहत मंदिर को तोड़े जाने का आदेश दिया गया था, उस आदेश में ही मंदिर को किसी वैकल्पिक स्थान पर बनाए जाने की बात कही गई है। ऐसे में मंदिर के नाम पर कुछ दल बेवजह की राजनीति कर रहे हैं।
बुधवार को हुआ उग्र प्रदर्शन
तुगलकाबाद वन क्षेत्र में तोड़े गए संत रविदास के मंदिर को दोबारा बनवाने के लिए दलित समाज के संगठनों ने बुधवार को प्रदर्शन किया। दिल्ली के रामलीला मैदान में हुए इस प्रदर्शन में दलित समाज के अनेक संगठनों ने भागीदारी की। प्रदर्शन के दौरान कई जगहों पर हिंसक घटनाएं भी होने की खबर आई।
मंदिर विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए दलित नेता अशोक भारती ने कहा कि मंदिर तोड़कर सरकार ने दलितों की भावनाओं को चोट पहुंचाने का काम किया है। वे सरकार को चेतावनी देते हैं कि 26 नवंबर तक संत रविदास के मंदिर को दोबारा बनवाने पर वह फैसला लें। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो इसके बाद भारत बंद का आयोजन किया जाएगा।
फैसले में है मंदिर को बनाने की बात- दुष्यंत गौतम
संत रविदास दलित समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के नेता दुष्यंत गौतम ने कहा कि इस मुद्दे पर कुछ दल बेवजह राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि फैसले में ही मंदिर को बनाए जाने की बात लिखी गई है। दुष्यंत गौतम ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की है। सरकार ने मंदिर को दोबारा बनाने का आश्वासन दिया है। ऐसे में सरकार के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए।