पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के विभिन्न स्कूलों के पीजीटी शिक्षकों द्वारा ट्रांसफर को लेकर दाखिल याचिकाओं पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसके चलते इनका ट्रांसफर ऑप्शन चुनना अनिवार्य किया गया था। राकेश कुमार व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट संत लाल बरवाला के माध्यम से शिक्षकों की ट्रांसफर का मुद्दा उठाया है।
याची ने बताया कि हरियाणा सरकार ने आदेश जारी कर इन शिक्षकों के लिए ट्रांसफर ऑप्शन चुनना अनिवार्य किया है। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट को बताया कि याची पहले ही ट्रांसफर पालिसी 2016 में भाग ले चुका है। ट्रांसफर पालिसी 2016 के नियम के तहत अगर यदि किसी शिक्षक का अन्य स्थान पर तबादला हो जाता है और मूल स्टेशन जहां से तबादला हुआ है वहां पद रिक्त रह जाता है तो शिक्षक मूल स्टेशन पर दोबारा ज्वाइन कर सकता है। ऐसे ही नियम के तहत याची अपने पुराने स्टेशन पर बचे रिक्त पद पर नियुक्त हुए हैं।
याची ने कहा कि अभी उनको वहां पर नियुक्त हुए पांच साल नहीं हुए हैं, ऐसे में उनका ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। जबकि सरकार ने पिछले महीने एक आदेश जारी सभी को ट्रांसफर ड्राइव में भाग लेने व एमआईएस में स्टेशन भरना अनिवार्य कर दिया। याची ने हाईकोर्ट से मांग की कि वे उनको सरकार द्वारा जारी किए इस आदेश के प्रभाव से मुक्त करे। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी याचिकाकर्ताओं को ट्रांसफर ड्राइव में भाग लेने की अनिवार्यता पर रोक लगाते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।