जम्मू: देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच ‘सेंट्रल जू अथॉरिटी’ ने सभी चिड़ियाघरों में पल रहे शेर तेंदुए और ऐसी प्रजाति की बिल्लियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं. इन जानवरों के इन प्रजातियों में कोरोना का एक स्ट्रेन मिलने के बाद अथॉरिटी ने यह दिशानिर्देश जारी किए हैं.
मनुष्यों के बाद अब करोना संक्रमण कुछ जंगली जानवरों में भी पाया जा रहा है. सेंट्रल जू अथॉरिटी की तरफ से जारी प्रोटोकॉल में कहा गया है कि देशभर के सभी चिड़ियाघर में शेर, तेंदुआ और इसी प्रजाति की दूसरी बिल्लियों पर नजर रखी जाए. जम्मू में मांडा जू में यह दिशा निर्देश मिलने के बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने यहां के तेंदुओं और बिल्लियों पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है.
इस जू के वेटरनरी डॉक्टर रंजीत कोतवाल के मुताबिक, हालांकि करोना का यह नया स्ट्रेन जिन प्रजातियों में पाया गया है वह जानवर से इंसान में ट्रांसफर नहीं होता. लेकिन, सेंट्रल जू अथॉरिटी की तरफ से आए इन दिशानिर्देशों को चिड़ियाघर प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि इन जानवरों को जो खाना दिया जा रहा है उसे करीब 65 डिग्री तक उबलते पानी में रखा जाता है. जो लोग इन जानवरों की देखरेख कर रहे हैं. उन्हें पीपीई किट डालकर इन जानवरों के पास जाने दिया जा रहा है. इसके साथ ही जो लोग इन जानवरों की देखरेख कर रहे हैं उन्हें सैनिटाइज भी किया जा रहा है. जानवरों पर 24 घंटे कड़ी नजर रखी जा रही है जिसके लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने एक सेल बनाया है.
लक्षण मिलने पर जानवर होते हैं आइसोलेट
डॉ कोतवाल के मुताबिक इन जानवरों में सांस संबंधित बीमारियों या बुखार को लगातार मॉनिटर किया जा रहा है. इसके साथ ही अगर इन जानवरों में कोरोना से संबंधित कोई लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें तुरंत आइसोलेट किया जाता है फिर इनके सैंपल लेकर उसे लेबोरेटरी में भेजा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि फिलहाल करोना के इस नए स्ट्रेन की पुष्टि सिर्फ शेर, तेंदुआ और इसी प्रजाति की कुछ बिल्लियों में हुई है तो ऐसे में फिलहाल मंडा ज़ू के अधिकारी इन्हीं प्रजाति के जानवरों पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा यहां पर जो दूसरे जानवर है उनपर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है और अगर किसी भी जानवर में कोई लक्षण पाया जाता है तो फौरन उसका सेंपल लेकर टेस्टिंग के लिए भेजा जा रहा है.