नई दिल्ली: ‘ममता बनर्जी ने पूरी तरह झूठे बयान दिए हैं, उन्होंने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में भाग लेने के लिए सहमत होने के बाद इसका बहिष्कार किया था.’ केंद्र सरकार ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के आरोपों के जवाब में यह बात कही है. अपने 9 बिंदुओं पर केंद्रित जवाब में सरकार के सूत्रों ने ममता बनर्जी के आरोपों को सिरे से नकारा है. गौरतलब है कि ममता और उनकी टीम ने बंगाल में चक्रवाती तूफान ‘यास’ के प्रभाव के लिए आयोजित समीक्षा बैठक से किनारा किया था और पीएम के साथ संक्षिप्त बातचीत के बाद चली गई थीं.
सरकार के सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को समीक्षा बैठक को छोड़ने की इजाजत नहीं दी थी जैसा कि ममता दावा कर रही हैं. पीएम के शेड्यूल के बारे में देर से सूचित किए जाने संबंधी ममता के दावे पर सूत्रों ने कहा कि चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान के आंकलन के लिए बैठक को तूफान आने के पहले फाइनल नहीं किया जा सकता है. ममता ने लगातार कहा है कि उन्होंने पीएम से मिलने के लिए इंतजार किया लेकिन सरकार ने समयवार विवरण से इसका जवाब दिया है. सरकार के सूत्रों ने कहा, ‘पीएम 1.59 बजे दोपहर में कलाईकुंडा पहुंचे जबकि पीएम के पहुंचने के बाद ममता बनर्जी ने 2.10 बजे कलाईकुंडा में लैंड किया. यह साफ है कि ममता बनर्जी के लैंड करने से पहले ही पीएम उनका इंतजार कर रहे थे. तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद के ट्वीट, जिसमें उन्होंने लिखा था कि पीएम के इंतजार करने में कोई बड़ी बात नहीं है, से भी इसकी पुष्टि होती है.’
सूत्रों के अनुसार, हेलीकॉप्टर लैंड करने के बाद ममता करीब 500 मीटर दूर स्थित उस बिल्डिंग तक पहुंचीं जहां मीटिंग होनी थी. पीएम से मिलने के बाद वे 2.35 बजे अपने अपने अगले पड़ाव के लिए रवाना हो गईं. इस लिहाज से वे 500 मीटर जाकर पीएम ने मिलने के बाद 25 मिनट में दूसरेस्थन के लिए रवाना हो गईं. पीएम के रवाना होने के पहले ही वे रवाना होगी जो कि परंपरा और प्रोटोकाल दोनों के विपरीत है. यह स्पष्ट है कि ममता बनर्जी का इंतजार करने का बयान पूरी तरह से झूठा है और उन्होंने पीएम को इंतजार कराया.सूत्रों ने यह भी कहा कि पीएम की समीक्षा बैठक में भाग लेने के लिए ममता बनर्जी सहमत हो गइ थीं लेकिन यह पता चलने के बाद उन्होंने मन बदल लिया कि उनके पूर्व सहयोगी और अब बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी बैठक में मौजूद रहेंगे. शुभेंद्र, बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं. सूत्र बताते हैं, ‘ममता ने समीक्षा बैठक का बहिष्कार इसलिए किया क्योंकि पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष इसमें मौजूद थे.