लखनऊ/एटा: स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के निर्वाचन में नामांकन पत्रों की जांच के दौरान समाजवादी पार्टी के दो उम्मीदवारों का नामांकन निरस्त हो जाने के कारण भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत का मार्ग प्रशस्त हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि जांच प्रक्रिया के दौरान एक निर्दलीय के अलावा समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार उदयवीर सिंह और राकेश यादव के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए. अधिकारियों ने बताया कि तीनों के नामांकन पत्र में कुछ खामियां थीं और निर्वाचन अधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने उन्हें खारिज कर दिया.
समाजवादी पार्टी ने मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों से उदयवीर सिंह और राकेश यादव को मैदान में उतारा था. उनके पर्चा रद्द होने से दोनों सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत का रास्ता साफ हो जाएगा. बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर क्रमश: आशीष यादव और ओमप्रकाश सिंह को उम्मीदवार बनाया है जिनकी निर्विरोध जीत तय मानी जा रही है. लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा 24 मार्च को प्रक्रिया पूरी होने के बाद की जाएगी. इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में वीडियो साझा किया है. इस वीडियो में सपा उम्मीदवारों को पुलिस की मौजूदगी में एटा में कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश करने से रोका जा रहा है और पृष्ठभूमि में गालियां सुनाई दे रही हैं.
यादव ने इसी ट्वीट में कहा, ‘‘बीजेपी राज में लोकतंत्र की रक्षा की अपेक्षा करना…दिन में तारे ढूंढ़ना है. ये बाहुबल का घोर निंदनीय रूप है, या तो पर्चा नहीं भरने दिया जाएगा या चुनाव को प्रभावित किया जाएगा या परिणामों को. हार का डर ही जनमत को कुचलना है.” नौ अप्रैल को होने वाले राज्य विधानपरिषद के स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से 36 सीट के लिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी एक बार फिर आमने-सामने हैं. कांग्रेस और बसपा ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं जिससे बीजेपी-सपा के बीच सीधा मुकाबला है. विधानपरिषद की सीट के लिए नौ अप्रैल को मतदान होगा और मत गणना 12 अप्रैल को होगी.