24 नए बिल पेश करेगी मोदी सरकार, सहकारिता क्षेत्र में सुधार और डिजिटल मीडिया से जुड़े अहम बिल भी शामिल

18 जुलाई से मानसून सत्र शुरू हो रहा है. इस दौरान सरकार की ओर से 24 नए बिलों को पेश करने का प्रस्ताव है. लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इनमें The Multi State Cooperative Societies (Amendment) Bill 2022, The Ancient Monuments & Archaeological Sites & Remains (Amendment) Bill, Central Universities (Amendment) Bill और Press & Registration of Periodicals Bill 2022 जैसे महत्वपूर्ण बिल शामिल हैं.

The Multi State Cooperative Societies (Amendment) Bill 2022, एक बेहद अहम बिल माना जा रहा है. सहकारिता मंत्रालय की अतिरिक्त कमान संभालने के बाद से ही अमित शाह ने इसपर काम करना शुरू कर दिया था. सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही इस बिल को कैबिनेट के पास मंज़ूरी के लिए लाया जाएगा. बिल का मुख्य उद्देश्य एक से अधिक राज्यों में काम कर रहे क़रीब 1500 कोऑपरेटिव संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता लाना और उन्हें सशक्त बनाने के लिए साधन जुटाने की शक्ति देना है. साथ ही, बिल में इन संस्थाओं के जमाकर्ताओं और खाताधारकों के हितों को भी सुरक्षित करने का प्रावधान किया गया है. 

इस बिल के ज़रिए सरकार की नज़र महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों के बड़े कोऑपरेटिव संस्थाओं को ज़्यादा पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने पर है. वैसे इस बिल के स्वरूप और संघीए ढांचा का हवाला देकर विपक्षी दल इसपर हंगामा भी कर सकते हैं. 

Press & Registration of Periodicals Bill 2022 भी बेहद अहम है क्योंकि पहली बार इस बिल के ज़रिए डिजिटल मीडिया को भी मीडिया के एक अंग के रूप में शामिल करने का प्रावधान किया गया है. नया बिल 1867 के पुराने क़ानून की जगह नया कानून बनाने के लिए लाया गया है. बिल में डिजिटल मीडिया के भी रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया है. 

इस बिल पर हो सकता है हंगामा

एक और बिल जिसपर विवाद खड़ा हो सकता है वो है The Ancient Monuments & Archaeological Sites & Remains (Amendment) Bill. बिल में देश के संरक्षित प्राचीन स्मारकों के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र की परिभाषा को तर्कसंगत बनाए जाने का प्रावधान किया गया है ताकि उसे और अच्छी तरह विकसित किया जा सके. वर्तमान क़ानून के मुताबिक़ संरक्षित स्मारकों के 100 मीटर के दायरे को प्रतिबंधित क्षेत्र के तहत रखा जाता है जिसमें कोई भी निर्माण कार्य की इजाज़त नहीं होती है. 

इसके अलावा तेलंगाना में एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय बनाए जाने के लिए भी एक बिल पेश किए जाने की संभावना है. Forest Conservation (Amendment) Bill और 1948 के डेंटिस्ट क़ानून को ख़त्म कर एक राष्ट्रीय डेंटिस्ट आयोग बनाने के लिए The National Dental Commission Bill भी बेहद अहम बिल हैं.

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