भारत के अपने पड़ोसी देश चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) के साथ सीमा पर कड़वे अनुभव रहे हैं. बॉर्डर पर चीन एक तरफ शांति वार्ता की कोशिश कर रहा है तो वहीं भारतीय सेना धोखेबाज चीन और पाकिस्तान से और मजबूती के साथ निपटने को लेकर अपनी पूरी तैयारी कर रही है. रूस से मिल रहे अभेद्य सैन्य कवच यानी एस-400 मिसाइल सिस्टम को भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी (LAC) और लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलओसी (LoC) पर तैनात करने की तैयारी की जा रही है. एस-400 डिफेंस सिस्टम (S-400 Defence System) दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और मिसाइल को पल भर में नेस्तनाबूद करने में सक्षम है.
रूस से भारत को मिलने वाली S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम काफी ही ताकतवर है. पहली फायरिंग यूनिट को पहले ही शामिल कर लिया गया है और जल्द ही पूरी डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है.
कितना ताकतवर S-400 डिफेंस सिस्टम?
S-400 को रूस का सबसे अडवांस वर्जन माना जाता है. ये लॉन्ग रेंज सर्फेस-टु-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. यह दुश्मन सेना के क्रूज, फाइटर जेट और यहां तक बैलिस्टिक मिसाइलों को पल भर में मार गिराने में सक्षम है. ये रूस के ही S-300 का अपग्रेडेड वर्जन है. ये रूस में 2007 के बाद से ही सेवा में है. यह एक ही राउंड में 36 टारगेट को भेदने में सक्षम है.
S-400 की क्या है खासियत?
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम में लगी मिसाइलें 30 किलोमीटर की ऊंचाई और 400 किलोमीटर की दूरी में किसी भी टारगेट को भेदने में सक्षम है. इसमें कई तरह की रेंज वाली मिसाइलें लगी होती हैं. इसमें काफी एडवांस रडार लगे होते हैं. ये रडार 100 से 300 टारगेट को ट्रैक कर सकते हैं. इस डिफेंस सिस्टम में 12 लॉन्चर लगे होते हैं. ये सिस्टम काफी आधुनिक है और इस बात को भी तय कर सकता है कि दुश्मन की मिसाइल को किस फेज में मार गिराना है. ये तीन मिसाइल को एक साथ दाग सकने में सक्षम है और इसे तैनात करने में कुछ ही मिनट का वक्त लगता है.
पाकिस्तान और चीन के लिए काल?
चीन और पाकिस्तान की ओर से अक्सर उकसाने वाली गतिविधियां होती रहती हैं. चीन और पाकिस्तान से खतरे को देखते हुए भारत को मिल रहे S-400 एयर डिफेंस सिस्टम काफी अहम साबित होगा. दुनिया के सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम माने जाने वाले S-400 से हवा में भारत की ताकत और अभेद्य होगी. वायुसेना प्रमुख ने अभी हाल में कहा है कि S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को समय पर चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात किया जा रहा है.
वायुसेना प्रमुख ने क्या कहा?
रूस (Russia) से भारत को मिलने वाली एस-400 मिसाइल सिस्टम (S-400 Missile System) को लेकर पूछ जाने पर वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी (VR Chaudhari) ने कहा कि प्रोग्राम निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक चल रहा है. पहली फायरिंग यूनिट को शामिल कर लिया गया है और तैनाती भी कर दी गई है. उन्होंने बताया कि दूसरी यूनिट भी शामिल होने की प्रक्रिया में है. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा है कि अगले साल तक रूस से सभी डिलीवरी पूरी हो जाएगी. बता दें कि साल 2018 में रूस और भारत के बीच S-400 डिफेंस सिस्टम की सप्लाई को लेकर डील हुई थी.