इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे हर साल दुनिया भर में मनाया जाता है, इस दिन दोस्त अपनी दोस्ती का जश्न मनाते हैं. इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे 30 जुलाई को है और यह दिन सभी के लिए खास है चाहे वह किसी भी उम्र का हो. भारत ही नहीं इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे बांग्लादेश, मलेशिया, भारत और संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देश अगस्त के महीने में हर पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाते हैं.
हालांकि यह एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं है लेकिन फिर भी दुनिया भर में लोग इस दिन अपने दोस्तों से मिलते हैं. इस दिन वह अपने दोस्तों के साथ एक साथ बिताए हुए समय का जश्न मनाते हैं. इसके साथ ही इस दिन दोस्त एक दूसरे को आपस में गिफ्ट भी देते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं. इस दिन आप भी अपने दोस्तों को व्हाट्सएप जैसे सोशल मैसेजिंग ऐप के जरिए फ्रेंडशिप डे हिंदी शायरी 2022 और फ्रेंडशिप डे मैसेज से बधाई भेज सकते हैं.
इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे पर अपने दोस्तों को भेजें ये फ्रेंडशिप डे हिंदी शायरी (Friendship Day 2022 Shayari)
दोस्त अपने दिल की हर बात समझ जाया करते हैं
सुख दुःख के हर पल में साथ निभाया करते है
दोस्त तो मिला करते है अच्छी तक़दीर वालो को
मिले ऐसी तक़दीर हर बार,
रब से हम दुआ किया करते है
होस्टल की चार दिवारी में जो मिलके सपने बुनते थे
चिल्लर चिल्लर का हिसाब कर जो आपस में लड़ते थे
आज लाखो की सेलेरी लिए राह ताके बैठे हैं
आज उन दिनों की चाह में वो नुक्कड़ पर चाय लिये बैठे हैं
कोई तुम्हे इतना चाहे तो बताना
कोई इतने नाज तुम्हारे उठाए तो बताना
दोस्ती तो हर कोई कर लेगा तुमसे
लेकिन कोई हमारी तरह निभाए तो बताना
हर कदम पर इम्तहान लेती है जिंदगी
हर वक्त नया पाठ देती है जिंदगी
हम जिंदगी से शिकवा कैसे करें
आखिर आप जैसे दोस्त भी तो देती है जिंदगी
आपकी दोस्ती की एक
नजर चाहिए,
यह दिल है बेघर इसे एक
घर चाहिए,
यूँ साथ चलते रहो, ऐ दोस्त
यह दोस्ती हमें उम्र भर चाहिए
उम्मीदों को टूटने मत देना
इस दोस्ती को कम होने मत देना
दोस्त मिलेंगे हमसे भी अच्छे
पर इस दोस्त की जगह
किसी और को मत देना
आकाश पर निगाहें हो तेरी,
मंजिल कदम चुमें तेरी,
आज दिन है दोस्ती का,
तू सदा खुश रहे यही दुआ है मेरी
मेरी दोस्ती के सारे एहसास ले लो,
दिल से प्यार के सारे जज़्बात ले लो,
नहीं छोड़ेंगे साथ तुम्हारा,
चाहें इस दोस्ती के इम्तिहान हजारों ले लो
ऐ बारिश जरा थम के बरस,
जब मेरा यार आए तो जम के बरस,
पहले ना बरस की वो आ न सके,
फिर इतना बरस की वो जा न सके
कुछ सालों बाद ना जाने क्या समां होगा,
ना जाने कौन दोस्त कहां होगा,
फिर मिलना हुआ तो मिलेंगे यादों में,
जैसे सूखे गुलाब मिलते हैं किताबों में