पश्चिम बंगाल के बाद ईडी महाराष्ट्र में एक्टिव हुई है, यहां शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत के घर ईडी की टीम पहुंची है और पूछताछ की जा रही है. बताया गया है कि पत्रा चॉल मामले में ये कार्रवाई हो रही है. इसी बीच संजय राउत की तरफ से कुछ ट्वीट किए गए हैं, जिनमें उन्होंने खुद के खिलाफ हो रही कार्रवाई का जिक्र किया. संजय राउत ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ झूठे सबूत पेश कर झूठी कार्रवाई की जा रही है.
ईडी छापेमारी के बीच शिवसेना नेता संजय राउत की तरफ से ट्वीट कर लिखा गया है कि, झूठी कार्रवाई..झूठा सबूत, मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा. मैं मर भी जाऊं तो समर्पण नहीं करूंगा. जय महाराष्ट्र… महाराष्ट्र और शिवसेना की लड़ाई जारी रहेगी. इतना ही नहीं, शिवसेना नेता की तरफ से पार्टी का चिन्ह भी ट्वीट किया गया – जिसके साथ उन्होंने लिखा, फिर भी शिवसेना नहीं छोड़ेगी…
बालासाहेब की शपथ लेकर कही ये बात
संजय राउत ने एक और ट्वीट करते हुए ये साफ किया कि वो इस घोटाले से नहीं जुड़े हैं. उन्होंने लिखा, “मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है. यह मैं शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शपथ लेकर कह रहा हूं. बालासाहेब ने हमें लड़ना सिखाया है. मैं शिवसेना के लिए लड़ना जारी रखूंगा.” इससे एक दिन पहले संजय राउत ने एबीपी न्यूज़ के साथ खास बातचीत में अपनी गिरफ्तारी को लेकर अंदेशा जताया था. उन्होंने कहा था कि, मेरी गिरफ्तारी भी होती है तो पार्टी नहीं टूटेगी. उन्होंन कहा था कि, कुछ लोग भ्रम में जी रहे हैं और पार्टी तोड़ने की कोशिश की जा रही है.
क्या है पात्र चॉल जमीन घोटाला?
इस पूरे मामले की शुरुआत साल 2007 में हुई थी, जब आशीष कंस्ट्रक्शन (जो HDIL की सिस्टर कम्पनी है) उसे पत्रा चॉल को डेवलप करने का काम दिया गया. कंपनी को वहां रहने वाले लोगों को 672 फ्लैट बनाकर देने थे और करीब 3000 फ्लैट म्हाड़ा को देने थे. ये पूरी जमीन 47 एकड़ की थी. आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने वहां किसी भी तरह का विकास नहीं किया और ना ही म्हाड़ा को फ्लैट दिया. बल्कि वो पूरी जमीन और FSI 8 बिल्डर को 1,034 करोड़ रुपए में बेच दी. इस मामले में ईडी ने संजय राउत के करीबी प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया. जिसके बाद संजय राउत का नाम भी इस मामले में सामने आया.