दिल्ली: दिल्ली के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक राहत भरी खबर आई है, क्योंकि अब उनके लिए निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध होगी. इसके लिए थिंक टैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस) ने एक जीविका नाम का एक एप मोबाइल लॉन्च किया है. क्योंकि राजधानी में कभी अतिक्रमण हटाने के नाम पर तो कभी सुरक्षा के नाम पर प्रशासन द्वारा वेंडर्स के सामानों की जब्ती होती है. इनके इस उत्पीड़न को लेकर अब सीसीएस द्वारा इन स्ट्रीट वेंडर्स को निशुल्क कानूनी सलाह प्रदान की जाएगी.
सीसीएस अब एप के माध्यम से उत्पीड़न की दशा में वेंडर्स को तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध कराएगा. इतना ही नहीं सीसीएस द्वारा वेंडर्स को निशुल्क कानूनी सलाह प्रदान की जाएगी और अदालत में उनका केस भी लड़ा जाएगा. सीसीएस ने अपनी स्थापना की 25वीं वर्षगांठ मनाने के दौरान इंडिया हैबिटेट सेंटर में जीविका ऐप को लॉन्च किया है.
इस एप के बारे में बात करते हुए सीसीएस के एडवोकेट प्रशांत नारंग ने कहा कि अगस्त माह के अंत से कोई भी स्ट्रीट वेंडर अपने मोबाइल फोन में जीविका एप को निशुल्क डाउनलोड कर सकता है. इस एप में उपलब्ध फीचर्स के माध्यम से कानूनों और अपने अधिकारों की जानकारी आसान भाषा में प्राप्त कर सकता है. इसके अलावा उत्पीड़न की दशा में तत्काल ही एप के माध्यम से अपने क्षेत्र के प्रधान की सहायता हासिल कर सकता है. वहीं सीसीएस द्वारा प्रशिक्षित वालंटियर्स उसकी मदद करेंगे.
एडवोकेट प्रशांत बताते हैं कि यदि फिर भी समस्या का समाधान नहीं होता है तो सीसीएस स्ट्रीट वेंडर्स अपनी तरफ से इस मामले की कानूनी लड़ाई लड़ेगा. वेंडर्स के लिए यह सेवा निशुल्क रहेगी और शुरुआत में यह सेवा दिल्ली के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए उपलब्ध होगी. अगर बाद में जरूरत पड़ी तो इसे अन्य राज्यों और शहरों में भी उपलब्ध कराया जा सकेगा. इसके अलावा जीविका एप लॉन्च के दौरान स्ट्रीट वेंडर्स के उत्पीड़न से संबंधित एक रिसर्च रिपोर्ट भी साझा की गई.