नोएडा के सेक्टर-93 ए में स्थित ट्विन टावर (Twin Tower) आज जमींदोज हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर आज दोपहर 2:30 इस टावर को गिरा दिया जायेगा. सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) को गिराए जाने की सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है. 13 साल में बनी दोनों इमारतें टूटने में सिर्फ 9 सेकेंड लगेंगे. ट्विन टावर गिराने का जिम्मा एडिफाइस नाम की कंपनी को मिला है. ये काम प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता की निगरानी में हो रहा है.
प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता (Mayur Mehta) के अनुसार टावर गिराने में वाटरफॉल तकनीक इस्तेमाल किया जाएगा. ये एक तरह का वेविंग इफेक्ट होता है, जैसे समंदर की लहरें चलती हैं. बेसमेंट से ब्लास्टिंग की शुरुआत होगी और 30वीं मंजिल पर खत्म होगी. इसे इग्नाइट ऑफ एक्सप्लोजन कहते हैं.
ट्विन टावर विस्फोट को लेकर 10 बड़ी बातें-
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज दोपहर 2:30 बजे नोएडा के ट्विन टावर को गिरा दिया जायेगा. इसे गिरने में 9 सेकेंड लगेंगे. सियान टावर पहले गिरेगा उसके कुछ देर बाद एपेक्स टावर भी जमींदोज हो जाएगा. इसे गिराने के लिए 181 दिन से तैयारी की जा रही थी.
- ट्विन टावर के पास 250 मीटर और कहीं-कहीं इससे भी ज्यादा दूरी का एक्सक्लूजन जोन बनाया गया है. इसमें सिर्फ 6 लोग रहेंगे. टावर गिराए जाने के दौरान आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों को अपनी छतों और बालकनी पर जाने की इजाजत नहीं है
- भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता ने बताया कि टावर से 100 मीटर की दूरी पर सिर्फ 6 लोग ही रहेंगे. इसमें 3 फॉरेन एक्सपर्ट, 2 प्रोजेक्ट मैनेजर और एक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी रहेंगे. हम कनेक्टिविटी मीटर में देखेंगे, लाल लाइट जलेगी मतलब सब कनेक्टिविटी ठीक है.
- ट्विन टावर में जहां-जहां कॉलम में बारूद लगाया गया है, वहां जियोटेक्सटाइल कपड़ा लगाया है. इसमें फाइबर कंपोजिट होता है. अगर कोई चीज इससे टकराती है तो वह कपड़े को फाड़ती नहीं, बल्कि रिवर्स होती है.
- सुरक्षा को लेकर आसपास की इमारत पर भी कपड़े लगा दिए गए हैं. प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता के अनुसार धमाके से हल्के भूकंप के बराबर भी झटका महसूस नहीं होगा. लोगों को हिदायत के तौर पर कहा गया है कि वे टीवी से प्लग निकाल दें और कांच के सामान अंदर रख लें.
- हवा के दबाव की वजह से विस्फोट के दौरान कांच की चीजें टूट सकती हैं. ब्लास्ट से धूल होगी, लेकिन कितनी, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता.
- नोएडा के ट्विन टावर को गिराने के लिए 21 फरवरी से 350 वर्कर्स और 10 इंजीनियर इस काम में जुटे थे. आसपास के 500 मीटर में मौजूद सभी 1396 फ्लैट्स खाली करा लिए गए हैं.
- ट्विन टावर के ऊपर 10 किलोमीटर इलाके को नो-फ्लाई जोन बनाया गया है. आसपास की सड़कों पर आवाजाही बंद रहेगी. दोपहर 2 बजे काउंटडाउन शुरू होगा. 2.30 बजे एक रिमोट बटन दबाते ही दोनों टावर मलबे में बदल जाएंगे.
- नोएडा स्थित ट्विन टावर को गिराने के लिए करीब 3700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल होगा. भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. टावर के आसपास करीब 1 किमी घेरा बनाकर तैनात रहेंगे
- नोएडा (Noida) स्थित ट्विन टावर (Twin Tower) के ब्लास्ट वाले दिन स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की टीम भी मौके पर मौजूद रहेगी. एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. शहर के कई बड़े अस्पतालों में सेफ हाउस बनाए गए हैं. जेपी अस्पताल, यथार्थ अस्पताल और जिला अस्पताल में ये सेफहाउस बनाए गए हैं