कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने कर्नाटक विधान परिषद में धर्मांतरण विरोधी विधेयक (Anti Conversion Bill) पास कर दिया है. इससे पहले राज्य सरकार ने कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Assembly) में इस विधेयक को पारित किया था. कर्नाटक के कानून मंत्री जेसी मधुस्वामी (JC Madhuswamy) ने कहा कि हम अपने धर्म की रक्षा कर रहे हैं, जिसके लिए जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए हम यह बिल लेकर आए हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी की स्वतंत्रता पर निशाना नहीं साधा है.
कानून मंत्री ने धर्मांतरण विरोध विधेयक के राज्य विधान परिषद में पास होने को लेकर कहा, ‘हम किसी ऐसे व्यक्ति को प्रतिबंधित नहीं कर रहे हैं जो स्वेच्छा से अपना धर्म बदलता है. इसके लिए, व्यक्ति को स्वेच्छा से अपना धर्म बदलने की इच्छा बताते हुए डीसी के समक्ष आवेदन देना होगा. हम जबरन धर्म परिवर्तन पर कार्रवाई करेंगे.’
कांग्रेस ने जताया एतराज
बता दें कि विपक्षी दल कांग्रेस और जेडीएस कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी विधेयक का विरोध करती आई हैं. कर्नाटक विधान परिषद में धर्मांतरण विधेयक पास होने पर कांग्रेस ने इस पर एतराज जताते हुए विधान परिषद से वॉकआउट किया. कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है. कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने कर्नाटक सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार एक व्यक्ति के संवैधानिक अधिकारों को खत्म करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने धर्मांतरण विधेयक के विधान परिषद में पेश किए जाने पर कहा कि यह अनुच्छेद 25 से 28 का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास जबरन धर्मांतरण की संख्या का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है.
धर्मांतरण विरोधी विधयेक के प्रावधान
बीजेपी कर्नाटक में धर्मांतरण कराने वालों पर नकेल कसने के लिए इस विधेयक लेकर आई है. इस विधेयक में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा और बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, लालच या किसी भी प्रकार की धोखेबाजी से एक धर्म से दूसरे धर्म में गैरकानूनी धर्मांतरण पर रोक लगाने का प्रावधान है.