प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को एक स्थानीय अदालत से कहा कि दिल्ली सरकार में शामिल कुछ मंत्रियों समेत आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली की आबकारी नीति को सरकारी कोष की कीमत पर अवैध धन जुटाने का जरिया मानते थे. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक सहित कम से कम 36 आरोपियों ने कथित घोटाले में करोड़ों रुपये की रिश्वत के सबूत छिपाने के लिए 170 फोन को नष्ट या इस्तेमाल किया है.
उसने कहा, इस नीति को तैयार करते हुए जानबूझकर खामियां की गई, अवैध गतिविधियों को संभव बनाने के लिए एक तंत्र तैयार किया गया और जानबूझकर विसंगतियां की गईं. गहराई से देखने पर यह बात नीति निर्माताओं के गलत इरादों को दर्शाती है.
आप सरकार को हुआ 581 करोड़ के राजस्व का नुकसान
उसने कहा, दिखाने के लिए इस नीति का व्यापारियों की गुटबाजी को रोकने और व्यापार के निष्पक्ष तरीकों को प्रोत्साहित करने का सराहनीय मकसद था, लेकिन वास्तव में आप के नेताओं की आपराधिक साजिश के कारण इसने पिछले दरवाजे से गुट बनाने को बढ़ावा दिया, अत्यधिक थोक और बड़ा खुदरा लाभ संभव बनाया और अन्य अवैध गतिविधियों को प्रोत्साहित किया.
संघीय जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया कि दिल्ली सरकार को केवल आप नेताओं के व्यक्तिगत खजाने को भरने के कारण 12 प्रतिशत या 581 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ और नीति में कथित अनियमितताओं के कारण कुल मिलाकर 2873 करोड़ रुपये (लाइसेंस शुल्क के नुकसान सहित) राजस्व का नुकसान हुआ है.
अमित अरोड़ा को 7 दिसंबर तक ईडी हिरासत भेजा गया
एजेंसी ने शराब कंपनी बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा की मंगलवार रात गिरफ्तारी के बाद स्थानीय अदालत से उसकी हिरासत का अनुरोध करते हुए ये दावे किऐ हैं. अरोड़ा को बाद में अदालत ने सात दिसंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है. बता दें कि दिल्ली शराब पॉलिसी घोटाले में शामिल कारोबारी अमित अरोड़ा सीबीआई की एफआईआर कॉपी में आरोपी नंबर 9 है. हालांकि सूत्रों के अनुसार, अमित अरोड़ा वही शराब कारोबारी है जो बीजेपी के स्टिंग ऑपरेशन में भी दिखाई दिया था. वहीं सीबीआई ने अमित अरोड़ा से पूछताछ भी की थी.