पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के पहले घमासान मचा हुआ है. तृणमूल कांग्रेस के लोकप्रिय नारे ‘खेला होबे‘ का पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दल टीएमसी पर भाजपा वापस इस्तेमाल करते हुए कहा है कि आने वाले समय में दोनों चुनाव खेल होगा. यह कहते हुए कि भाजपा अहिंसा में विश्वास करती है, पार्टी के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि अगर धक्का-मुक्की की नौबत आएगी तो वह प्रतिक्रिया नहीं देगी.
भाजपा नेता ने शुक्रवार को उत्तरी 24 परगना जिले के बैरकपुर में एक जनसभा में कहा, “दोनों पार्टियां खेल खेलेंगी और यह खतरनाक होगा.” बता दें कि बंगाल में अगले साल पंचायत चुनाव है और पंचायत चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपना प्रचार शुरू कर दिया है.
साल 2021 के चुनाव के पहले टीएमसी ने “खेला होबे” का दिया था नारा
टीएमसी ने 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले “खेला होबे” का नारा गढ़ा था और यह बेहद लोकप्रिय हुआ था. पश्चिम बंगाल के बाहर कई अन्य पार्टियों ने भी बाद में इसका इस्तेमाल किया. मजूमदार ने कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि तृणमूल कांग्रेस सरकार, जो राज्य की संपत्तियों को बेच रही है, कुछ वर्षों में बेदखल कर दी जाएगी.” राज्य में जल्द चुनाव की ओर इशारा करते हुए, भाजपा नेता ने दावा किया कि अगर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ होते हैं तो उन्हें कोई आश्चर्य नहीं होगा.” बता दें कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार 2021 में लगातार तीसरी बार राज्य में सत्ता में आई है.
सुकांत मजूमदार ने कहा-2024 में लोकसभा चुनाव के साथ ही होंगे विधानसभा चुनाव
यह दावा करते हुए कि लगभग 300 टीएमसी कार्यकर्ता 2021 के चुनाव के बाद की हिंसा से संबंधित मामलों में सलाखों के पीछे हैं, जिनकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है, मजूमदार ने जोर देकर कहा कि और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की संभावना है. मजूमदार ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी बड़े पद पर हो, जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, तब तक बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने दावा किया कि पुलिस बल की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए लोकसभा में एक विधेयक लाया जाएगा. यह आरोप लगाते हुए कि राज्य में पुलिस सत्तारूढ़ दल के प्रति पक्षपाती है, उन्होंने कहा, “मैं आपसे (पुलिस कर्मियों) से तटस्थता से कार्य करने का आग्रह करता हूं क्योंकि आपका वेतन करदाताओं के पैसे से दिया जाता है, न कि किसी राजनीतिक संगठन द्वारा.”