लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब स्पेशलिस्ट डॉक्टर को 5 लाख रुपये तक सैलरी देने की तैयारी है.राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी है. इसलिए योगी सरकार ने कॉंट्रैक्ट पर 1189 डाक्टरों की नियुक्ति करने का फैसला किया है. इसके लिए योग्यता MBBS और MD की रखी गई है.इन सभी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के ग्रामीण इलाकों में तैनात किया जाएगा. नेशनल हेल्थ मिशन मतलब NHM के तहत डाक्टरों की नियुक्ति की जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये मीटिंग विभाग के कामकाज की समीक्षा के लिए बुलाई थी.यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक राज्य के स्वास्थ्य मंत्री भी हैं.इस मीटिंग में ये पाया गया कि डाक्टरों की कमी एक बड़ी समस्या है, ख़ास तौर से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की.जैसे स्त्री रोग विशेषज्ञ, कार्डियोलॉजिस्ट,हड्डी रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ. शहरों में सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर तो मिल जाते हैं लेकिन देहात के इलाक़ों में जहां प्राइमरी हेल्थ सेंटर और कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर हैं. वहां ऐसे डॉक्टरों की भारी कमी है.
स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स को मिलेगी 5 लाख तक सैलरी
डॉक्टरों की कमी की वजह से कई बार मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा नहीं मिलती है.आख़िरकार उनकी जान चली जाती है. बैठक में तय हुआ कि संविदा पर डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए.अभी यूपी में कॉट्रैक्ट वाले डॉक्टरों को हर महीने 1 लाख 40 हज़ार रुपये तनख्वाह में मिलते हैं. इतने कम पैसे पर भला कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर क्यों और कैसे काम करे? वो भी ग्रामीण इलाकों में. फिर सरकार ने तय किया कि जरूरत पड़ने पर स्पेशलिस्ट डाक्टरों को अधिकतम 5 लाख रुपये की सैलरी दी जा सकती है.
जो डॉक्टर कम सैलरी में काम करेगा उसे मिलेगा मौका
राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने डाक्टरों कि नियुक्ति के लिए एक और आइडिया निकाला. उन्होंने कहा कि अगर एक ही पद के लिए एक से अधिक डॉक्टरों के आवेदन आते हैं तो फिर उनकी रिवर्स बिडिंग होगी. जो डॉक्टर सबसे कम वेतन में काम करने को तैयार हो जाएगा उसे ही नियुक्त किया जाएगा.शर्त यही होगी कि डॉक्टरों की योग्यता समान हो.स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के आ जाने से यूपी में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर होगी.साथ ही सरकारी खर्चे का बोझ भी कम होगा.अगर ये योजना कामयाब रही तो फिर ये दूसरे राज्यों के लिए भी एक कामयाब फॉर्मूला बन सकता है.