पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को अमृतपाल के समर्थन में राज्य में अमन और कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान, एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किये गए 44 व्यक्तियों को हिरासत से रिहा कर दिया है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऑपरेशन के दौरान किसी भी बेकसूर व्यक्ति को परेशान न करने की स्पष्ट हिदायत दी थी.
एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (एडीजीपी) लॉ एंड आर्डर अर्पित शुक्ला ने कहा कि जनता के हितों को ध्यान में ऱखते हुए पंजाब पुलिस ने उन व्यक्तियों को रिहा करने का फ़ैसला किया है, जिनकी इस मामले में कम से कम भूमिका है या जो बस भावना में बह कर अमृतपाल के साथ चल पड़ा था. ऐसे 44 व्यक्तियों, जिनको एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किया गया था, शुक्रवार को भविष्य में अच्छे आचरण के वायदे के साथ उनके पारिवारिक सदस्यों के हवाले कर दिया गया है.
30 गंभीर आपराधिक गतिविधियों में शामिल
यह कार्यवाही इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजीपी) हेडक्वाटर सुखचैन सिंह गिल के आदेश के बाद की गई. पंजाब पुलिस एहतियातन हिरासत में लिए गए 177 व्यक्तियों को रिहा कर सकती है. बता दें कि राज्य में शान्ति भंग करने के आरोप में कुल 207 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया था, जिनमें से 30 गंभीर आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाये गए हैं. जबकि बाकियों की गिरफ़्तारी सुरक्षा की नज़र से एहतियात के तौर पर की गई है. नशा छुड़ाने में शामिल लोगों को भी किसी भी तरह की परेशानी पेश नहीं आने दी जायेगी.
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जांच में जुटी पंजाब पुलिस
आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि पुलिस टीमों की तरफ से बाकी व्यक्तियों की जांच की जा रही है, जोकि एहतियातन गिरफ्तारी अधीन हैं और यदि वह किसी भी ठोस आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं पाये गए तो जल्द ही उनको भी छोड़ दिया जायेगा. बता दें कि पंजाब के भोले-भाले नौजवानों को देश विरोधी ताकतों के हाथों में खेलने से बचाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों पर यह ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को अमृतपाल के समर्थन में राज्य में अमन और कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान, एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किये गए 44 व्यक्तियों को हिरासत से रिहा कर दिया है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऑपरेशन के दौरान किसी भी बेकसूर व्यक्ति को परेशान न करने की स्पष्ट हिदायत दी थी.
एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (एडीजीपी) लॉ एंड आर्डर अर्पित शुक्ला ने कहा कि जनता के हितों को ध्यान में ऱखते हुए पंजाब पुलिस ने उन व्यक्तियों को रिहा करने का फ़ैसला किया है, जिनकी इस मामले में कम से कम भूमिका है या जो बस भावना में बह कर अमृतपाल के साथ चल पड़ा था. ऐसे 44 व्यक्तियों, जिनको एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किया गया था, शुक्रवार को भविष्य में अच्छे आचरण के वायदे के साथ उनके पारिवारिक सदस्यों के हवाले कर दिया गया है.
30 गंभीर आपराधिक गतिविधियों में शामिल
यह कार्यवाही इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजीपी) हेडक्वाटर सुखचैन सिंह गिल के आदेश के बाद की गई. पंजाब पुलिस एहतियातन हिरासत में लिए गए 177 व्यक्तियों को रिहा कर सकती है. बता दें कि राज्य में शान्ति भंग करने के आरोप में कुल 207 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया था, जिनमें से 30 गंभीर आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाये गए हैं. जबकि बाकियों की गिरफ़्तारी सुरक्षा की नज़र से एहतियात के तौर पर की गई है. नशा छुड़ाने में शामिल लोगों को भी किसी भी तरह की परेशानी पेश नहीं आने दी जायेगी.
जांच में जुटी पंजाब पुलिस
आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि पुलिस टीमों की तरफ से बाकी व्यक्तियों की जांच की जा रही है, जोकि एहतियातन गिरफ्तारी अधीन हैं और यदि वह किसी भी ठोस आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं पाये गए तो जल्द ही उनको भी छोड़ दिया जायेगा. बता दें कि पंजाब के भोले-भाले नौजवानों को देश विरोधी ताकतों के हाथों में खेलने से बचाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों पर यह ऑपरेशन चलाया जा रहा है.