दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. दिल्ली की एक कोेर्ट ने शुक्रवार को कथित आबकारी नीति घोटाले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया सिसोदिया ने आपराधिक साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस समय जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता की रिहाई से चल रही जांच पर गलत प्रभाव पड़ सकता है और इसकी प्रगति भी बाधित हो सकती है.
दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. दिल्ली की एक कोेर्ट ने शुक्रवार को कथित आबकारी नीति घोटाले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया सिसोदिया ने आपराधिक साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस समय जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता की रिहाई से चल रही जांच पर गलत प्रभाव पड़ सकता है और इसकी प्रगति भी बाधित हो सकती है.
26 फरवरी को सीबीआई ने किया था गिरफ्तार
दरअसल मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद जांच एजेंसी ने कई दौर की पूछताछ की थी.
दिनेश अरोड़ा बने सरकारी गवाह
आबकारी नीति घोटाला मामले में विशेष सीबीआई जज एमके नागपाल ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 90-100 करोड़ रुपये की रिश्वत में से 20-30 करोड़ रुपये शराब के तीन सह-आरोपी विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और दिनेश अरोड़ा के जरिए पहुंचाए गए. गौरतलब है कि दिनेश अरोड़ा अब इस मामले में सरकारी गवाह बन गए हैं.
सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज
यहां तक कि कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत उनकी पत्नी की मेडिकल कंडीशन के आधार पर मांगे जाने के बाद भी खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि आवेदक की पत्नी की स्थिति जैसा कि इन दस्तावेजों में बताया गया है. उसे आवेदक को जमानत पर रिहा करने के लिए गंभीर नहीं माना जा सकता है.