नई दिल्लीः केंद्र की नरेंद्र मोदी ड्रग्स के खिलाफ आक्रामक रूख बनाए हुए है और सरकार की कोशिश अगले 25 सालों में इससे मुक्ति पा लेने की है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नारकोटिक्स विरोधी टास्क फोर्स के प्रमुखों को दो टूक अंदाज में कहा कि 2047 में भारत को आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले पूरी तरह से नशामुक्त देश बनाना है और इस लक्ष्य को हासिल करने और ड्रग्स के तश्करों पर नकेल कसने के लिए हर संभव प्रयास में जुट जाना होगा.
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने ड्रग तस्करों और उनके पनाहगारों को सीधा संदेश दिया कि अब इन लोगों की खैर नहीं. शाह ने सभी प्रमुख अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि हमने 2047 तक नशा मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है. गृह मंत्री ने कहा कि ड्रग्स से तबाही के गुनहगार वो नहीं हैं जो इसका सेवन करते हैं बल्कि वो हैं जो इसका कारोबार करते हैं.
नशा का सेवन करने वाला विक्टिमः अमित शाह
उन्होंने कहा कि जो नशा का सेवन कर रहा है वो तो महज एक विक्टिम है बल्कि वो ही असल गुनहगार है जो इसके कारोबार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ढंग से जुड़ा हुआ है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के राज्य प्रमुखों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन दिल्ली में आयोजित किया गया जिसमें लगभग सभी राज्यों के नारकोटिक्स विरोधी टास्क फोर्स के प्रमुखों ने हिस्सा लिया. बैठक के दौरान अमित शाह ने निर्देश दिया कि ड्रग्स के विक्टिम्स का पुनर्वासन बेहद अहम है, जिसको प्राथमिकता में रखा जाना चाहिए. गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में मौजूद एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के अधिकारियों से कहा कि जो लोग ड्रग्स के कारोबार से जुड़े हुए हैं उनसे रूथलेस होकर कड़ाई से डील करेंगे तभी हम नारकोटिक्स के खिलाफ इस निर्णायक जंग में जीत हासिल कर पाएंगे.
ड्रग्स की वजह से समाज को होने वाले नुकसान को लेकर गृह मंत्री शाह ने कहा कि नार्कोटिक्स की तस्करी समाज को मल्टी डाइमेंशन नुकसान पहुंचाता है. ये एक तरफ हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद करता है तो दूसरी तरफ नॉर्को टेररिज्म को भी बढ़ावा देता है जो देश की समूचे अर्थतंत्र को ही बिगाड़ कर रख देता है.
गृह मंत्री अमित शाह ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद से ड्रग्स मुक्त समाज और ड्रग्स मुक्त देश बनाने की कवायद शुरू कर दी और यह उसी का नतीजा है कि साल 2014 के बाद जब्त किए गए मादक पदार्थों की मात्रा में 145% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साथ ही ड्रग्स के कारोबारियों के खिलाफ दर्ज होने वाले मामलों में 181% की वृद्धि हुई है.
लड़ाई कठिन जरूर लेकिन संकल्प लेंः अमित शाह
इस क्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की बैठक में स्पष्ट कहा कि ड्रग्स के विनिष्टिकरण का कार्यक्रम सार्वजनिक रूप से किए जाएं. इससे इंटरनल करप्शन का मामला कमजोर पड़ेगा, साथ ही इसके धंधे में शामिल लोगों का मनोबल भी गिरेगा.
गृह मंत्री ने कहा कि एनडीपीएस और संपत्ति जब्त करना ये दो ऐसी बड़ी शक्ति एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के पास है जिसका पूरा उपयोग निर्दयता के साथ कीजिए… तब जाकर हम ये लड़ाई जीत पाएंगे.
शाह ने ये भी कहा कि ड्रग्स के विरुद्ध ये लड़ाई बहुत कठिन जरूर है लेकिन कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी हृदय कठिन करके मन से ड्रग्स के विरुद्ध लड़ाई में लग कर संकल्प कर लेते हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को 2047 तक नशामुक्ति के अभियान को हासिल कर सकते हैं.
ड्रग्स के कारोबारियों पर नकेल
गृह मंत्रालय ने ड्रग्स तस्करी पर पूरी तरह नकेल कसने की तैयारी को लेकर फूल प्रूफ प्लान तैयार किया है. ड्रग्स की दुनिया का गोल्डन ट्राएंगल और गोल्डन क्रीसेंट को अब डेथ ट्राएंगल और डेथ क्रीसेंट में तब्दील करने की तैयारी की जा रही है.
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2006 से 2013 तक ड्रग्स से जुड़े 1257 केस सामने आए थे, जबकि 2014 से 2022 के बीच ड्रग्स से जुड़े 3544 केस दर्ज हुए यानि नशीले पदार्थों के विरुद्ध कुल 181% मामलों में बढ़ोतरी हुई. 2006 से 2013 के बीच 1363 ड्रग्स कारोबारियों की गिरफ्तारी भी हुई थी जबकि 2014 से 2022 में 5408 ड्रग्स के धंधेबाजों की गिरफ्तारी हुई. इस तरह से देखें तो ड्रग्स के कारोबारियों की गिरफ्तारी में 297% की वृद्धि हुई.