केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और आरएलजेडी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की गुरुवार शाम मुलाकात हुई. दोनों नेता दिल्ली के नार्थ ब्लॉक में मिले. इस दौरान बिहार बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बीजेपी एमपी डॉ. सजय जायसवाल भी उनके साथ थे. अमित शाह से मुलाकात के बाद उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को पटना लौट आए हैं. पटना लौटने के बाद जब मीडिया ने उनसे अमित शाह से मुलाकात के बावत सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हमारी मुलाकात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई है. जब उनसे मुलाकात हुई है तो जरूर कुछ बातें हुई होगी. कुशवाहा ने कहा कि मुलाकात तो बात करने के लिए ही होती है. हमारे बीच क्या बात हुई इसपर अटकल लगाने के लिए आपलोग स्वतंत्र हैं.
इसके साथ ही कुशवाहा ने कहा कि अमित शाह से हमारी क्या बात हुई यह बताने की जब जरूरत होगी तब मैं आपलोगों को बता दूंगा. इससे पहले कौन सी बात आपको बतानी है और कौन सी नहीं यह मुझे तय करना है. फिलहाल उस स्थिति में हम नहीं हैं कि हर बात मीडिया से शेयर कर सकें.
वहीं नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की कवायद पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 2024 में नरेंद्र मोदी को कोई चुनौती नहीं है. नीतीश कुमार ने दिल्ली में उन पार्टी के नेताओं के साथ मुलाकात की है जो बिहार में महागठबंधन के साथ हैं और उनकी सरकार में शामिल है या उनकी सरकार को समर्थन दे रहे हैं.उपेंद्र कुशवाहा गुरुवार की शाम बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली गए थे. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद बिहार की सियासत में इसको लेकर चर्चे होने लगी है कि उपेंद्र कुशवाहा की एनडीए में वापसी हो रही है.
कुशवाहा वोटर को साधने की कोशिश
बीजेपी उपेंद्र कुशवाहा को साथ लाकर कुशवाहा वोटों को पूरी तरह अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है. इससे पहले बीजेपी ने कुशवाहा जाति से ही आने वाले सम्राट चौधरी को पार्टी की कमान दी है. दरअसल बीजेपी नीतीश कुमार के लवकुश समीकरण को तोड़ना चाह रही है. बिहार में लवकुश यानि कुर्मी-कोइरी जाति के करीब 12 प्रतिशत वोटर हैं. इसमें करीब 10 प्रतिशत वोटर लव यानि कुशवाहा वोटर है. बीजेपी इस वोट को हर हाल में अपने पाले में लाना चाह रही है.