गुजरात में क्या महिलाओं पर अपराध बढ़ रहे हैं? ऐसे सवाल अब उठ रहे हैं. साथ ही ये भी दावा किया जा रहा है कि पिछले पांच सालों में 40000 से अधिक महिलाएं लापता हो गई हैं. हालांकि, इस पर अब गुजरात पुलिस का बयान भी आया है. गुजरात पुलिस के मुताबिक, गायब हुईं अधिकतर महिलाएं अब घर लौट आई हैं और वह अपने परिवार के साथ रह रही हैं.
गुजरात पुलिस ने एक ट्वीट किया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी)के डेटा स्रोतों का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्टें है कि गुजरात में 5 साल में 40,000 महिलाएं गायब हो गई हैं. पुलिस ने इसकी जांच की है. जांच में पुलिस को जानकारी मिली है कि ये महिलाएं पारिवारिक विवाद, परीक्षा में असफल होने सहित अन्य वजहों से घर छोड़कर चली गई थीं. गुमशुदगी के मामलों की जांच में यौन शोषण, मानव अंगों की तस्करी का पता नहीं चला है.
साल 2016-20 के दौरान कुल 41,621 महिलाएं लापता हुईं. इनमें से 39,497 (94.90%) महिलाओं का पता लगाया जा चुका है. गुजरात पुलिस को पता चला है कि ये महिलाएं अपने परिवार के साथ रह रही हैं. गुजरात पुलिस के अनुसार, स्थानीय पुलिस सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार जो भी व्यक्ति लापता हो जाता है, उसकी जांच करती है. फिर इस डाटा को संबंधित वेबसाइट में फीड किया जाता है.
2017 में सात हजार से अधिक महिलाएं लापता हो गईं
एनसीआरबी के आंकड़ें बताते हैं कि साल 2016 में सात हजार एक सौ पांच महिलाएं लापता हो गईं. वहीं, साल 2017 में भी सात हजार से अधिक 7712 महिलाएं गुम हो गईं. साल 2018 में 9246 महिलाएं घर से गायब मिलीं. वहीं, साल 2019 में 9268 महिलाएं लापता हो गई थीं. इसके अलावा साल 2020 में 8290 महिलाएं घर से लापता हो गई थीं.
हाल के दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों में महिलाओं के ऊपर अपराध में बढ़ोतरी देखी गई है. दिल्ली में महिलाओं के साथ रेप और हत्या की घटनाएं दिनदहाड़े हो रही हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है. लड़कियों के गायब होने पर आधारित फिल्म द केरल स्टोरी देश के सिनेमाघरों में आ गई है और यह फिल्मकाफी सुर्खियां बटोर रही है.