दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है. स्पेशल सेल ने नकली नोटों की छपाई करने वाले एक प्रिंटिंग सेटअप का भांडाफोड़ करते हुए करीब 6 लाख 71 हजार के नकली नोट बरामद किए है. दरअसल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को पिछले कुछ महीनों से अपने सूत्रों से जानकारी मिल रही थी कि एक व्यक्ति दिल्ली-एनसीआर में नकली नोटों की छपाई और सर्कुलेशन में शामिल है. जल्द ही ये पता चला कि यह रैकेट उत्तर प्रदेश के लोनी में रहने वाला प्रशांत द्वारा संचालित किया जा रहा है और जांच के दौरान पता चला कि इस शख्स ने बड़े पैमाने पर FICN को प्रिंट करने का सेटअप भी किया हुआ है. इसके बाद उसकी गतिविधियों पर नजर रखने और अवैध सेटअप का पता लगाने के प्रयास किए गए.
8 मई को पुलिस को जानकारी मिली कि नकली नोटों की डिलीवरी रिंग रोड/महात्मा गांधी रोड, इंद्रप्रस्थ पार्क, दिल्ली के सामने होगी. नतीजतन एक जाल बिछाया गया और देर शाम के दौरान, प्रशांत कुमार को पकड़ लिया गया. तलाशी लेने पर उसके पास से करीब 2 लाख रुपये के 200 और 500 नोटों की शक्ल में नकली नोट बरामद किए गए.
घर पर जमा रखा था नकली नोट छापने का सेटअप
आरोपी से पूछताछ करने के बाद आरोपी प्रशांत उर्फ विराट के जानकारी देने पर पुलिस ने उसके लोनी स्थित किराए के घर पर छापा मारा और वहां पर जाली नोट छापने के एक सेटअप का भंडाफोड़ किया गया. छापे के दौरान काफी तादात में नकली नोट और FICN को प्रिंट करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कई उपकरण और सामग्री बरामद की गई है.
पुलिस ने आरोपी के पास से करीब 2 लाख 72 हजार के 2000 , 500 और 200 के नकली नोट बरामद किए हैं. नकली नोट छापने के लिए प्रयोग में लाए जा रहे ए-4 साइज के 182 कागज बरामद हुए. जिसके दोनों तरफ 500 और 200 रुपए के नोट छापे हुए थे. जिनकी गिनती 1 लाख 99 हजार रुपये की हुई है.A4 साइज के कागज के 35 रिम्स बरामद हुई हैं. जिससे करीब 5 करोड़ रुपए के नकली नोट छापे जा सकते थे.
महात्मा गांधी का वॉटरमार्क बनाने के लिए कर रहा था स्क्रीन प्रिंटिंग फ्रेम का प्रयोग
पुलिस को आरोपी के पास से एक प्रिंटर के साथ ही ए-4 आकार का कागज जिस पर 500 और 200 रुपये के असली नोट चिपकाए हुए थे. इन असली नोटों का इस्तेमाल नकली नोटों की स्कैनिंग और प्रिंटिंग के लिए किया जा रहा था. वहीं नकली नोट पर ‘महात्मा गांधी’ के वॉटरमार्क बनाने के लिए एक स्क्रीन प्रिंटिंग फ्रेम का उपयोग किया जाता था.नोटों को काटने के लिए पारदर्शी कांच के स्लैब का उपयोग किया जाता था.
पांच पेपर कटर, 40 हरे रंग के चमकदार टेप एफआईसीएन में सुरक्षा धागे के रूप में उपयोग किए जाते हैं. वहीं नोट के आकार को मापने के लिए चार स्टील रूलर और स्याही का एक छोटा टिन जिस पर कॉन्टेक्ट इंक और कोटिंग लिखा हुआ है.