दिल्ली: गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की तिहाड़ जेल में दिन दहाड़े हत्या के बाद दिल्ली जेल महानिदेशालय ने दिल्ली की सभी जेलों में जाल लगाने के आदेश दिए हैं. इसी क्रम में तिहाड़ जेल के ऊपर जाल लगाने का काम शुरू हो गया है. इसी प्रकार के सुरक्षा इंतजाम दिल्ली की अन्य जेलों में भी होने हैं. जेल महानिदेशालय के मुताबिक कैदियों तक हथियार, ड्रग्स व मोबाइल फोन अक्सर ऊपर से फेंक कर पहुंचाया जाता है. लेकिन जाल लगाने के बाद इस तरह का गोरखधंधा पूरी तरह से रूक जाएगा.
जेल अधिकारियों के मुताबिक जेलों में अक्सर प्रतिबंधित सामान बाहर से फेंके जाते हैं. कई बार जेल के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में भी इन सामानों का आदान प्रदान इसी तरीके से होता है. अभी टिल्ली ताजपुरिया हत्याकांड में खुद बदमाश भी जेल के एक नंबर से दूसरे में कूद कर आए थे. इस तरह की हरकतों को रोकने के लिए ही जेल प्रशासन ने तिहाड़ समेत दिल्ली की सभी जेलों में बर्ड नेट लगाने का फैसला किया है. तिहाड़ जेल में तो जाल लगाने का काम लगभग पूरा भी हो गया है. वहीं बाकी जेलों में काम अब शुरू किया गया है.
इसी क्रम में जेल प्रशासन ने कैदियों की हरकतों पर नियंत्रण के लिए QRT का भी गठन किया है. यह क्यूआरटी कहीं से भी इस तरह की घटना की जानकारी मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंचेगी. इसके अलावा यह टीम जेल के अंदर नियमित गश्त भी करेगी. खासतौर पर जेलों में बंद खूंखार कैदियों और हाई प्रोफाइल कैदियों पर इस टीम की खास नजर होगी. जेल महानिदेशालय के मुताबिक यह सारे इंतजाम जेल की सुरक्षा टाइट करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं.
बता दें कि अब तक तिहाड़ जेल एशिया के सबसे बड़ी और सुरक्षित जेल मानी जाती रही है.लेकिन टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद यह भ्रम टूट गया है. जेल अधिकारियों के मुताबिक आम तौर पर जेलों में दो ही तरह से प्रतिबंधित सामान पहुंच सकते हैं. पहला तो मुख्य गेट से इस तरह का सामान आता है. लेकिन यहां कड़ी चेकिंग की व्यवस्था होती है.
ऐसे में हथियार, ड्रग्स या मोबाइल फोन आदि बिना जेल कर्मियों की मिलीभगत के अंदर जा ही नहीं सकते. ऐसे में अपराधियों के पास दूसरा विकल्प है कि वह बाहर से इस तरह के सामान चारदीवारी के ऊपर से फेंक दें. अब इसे भी रोकने के लिए जेल प्रशासन ने चारदीवारी के ऊपर जाल लगाने की कवायद शुरू कर दी है.