देश में 2 हजार के नोट बंद करने का फैसला लिया गया है. आरबीआई ने शुक्रवार को सबसे बड़ी करेंसी 2 हजार के नोटों को वापस लेने का ऐलान किया था. इस मामले पर अब सियासी माहौल गर्म होता नजर आ रहा है. कांग्रेस इस फैसले की जमकर आलोचना कर रही है और इसे 2016 में हुई नोटबंदी के फैसले से यू टर्न बताया है.
दरअसल हाल ही में पीएम मोदी के एक पूर्व करीबी सहयोगी ने कहा था कि पीएम मोदी को 2 हजार के नोट कभी भी पसंद नहीं थे. कांग्रेस ने इसी बयान को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है.
2 हजार के नोट के खिलाफ थे पीए मोदी’
साल 2016 में पीएम मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे निपेंद्र मिश्रा ने कहा कि पीएम मोदी कभी भी 2 हजार रुपए के नोट जारी करने के पक्ष में नहीं थे. उनका मानना था कि ये नोट रोजाना के लेन-देन के लिए सही नहीं है. ये खुलासा ऐसे समय पर किया गया जब आरबीआई ने 2 हजार के नोट बंद करने का ऐलान किया है. वहीं कांग्रेस ने इसे बहुत खराब डैमेज कंट्रोल बताया है.
जयराम रमेश ने क्या कहा?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने निपेंद्र मिश्रा के इस खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे खराब डैमेज कंट्रोल बताया है. उन्होंने कहा कि अब कहा जाएगा कि नोटबंदी करने के लिए उनके सलाहकारों ने उन्हें मजबूर किया था. ये और कुछ नहीं बल्कि खराब डैमेज कंट्रोल है.
बता दें, विपक्षी दलों ने 2 हजार के नोटों को वापस लेने के फैसले की आलोचना की है और इसे सरकार की नोटबंदी से अबाउट टर्न बताया है. वहीं आरबीआई ने कहा कि 2000 के नोटों की छपाई साल 2018-19 में ही बंद कर दी गई थी. आरबीआई ने 2 हजार के नोटों को बदलने के लिए 30 सितंबर 2023 तक की समय सीमा दी है.
बीजेपी नेताओं ने किया फैसला का बचान
वहीं बीजेपी नेताओं की तरफ से ये कहते हुए इस फैसले का बचाव किया गया है कि इसकी तुलना नोटबंदी से करना ठीक नहीं क्यों लोगों के पास 2 हजार के नोट हैं ही नहीं.