पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में बीजेपी कार्यकाल बेमिसाल रहा है. जिन-जिन क्षेत्रों में भारत आयातक था, उपभोक्ता था, उन-उन क्षेत्रों में भारत का विकास कमाल रहा है. भारत आज दुनिया में मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है. तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप्स इकोसिस्टम वाला देश बन चुका है. भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल को रिफाइन करने की क्षमता वाला देश है. यह अपनी रिफाइनरी क्षमता को 25 करोड़ टन स बढ़ाकर 45 करोड़ टन सालाना करने की ओर बढ़ रहा है.
भारत की गैस पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार जल्दी ही 22 हजार किलोमीटर से 35 हजार किलोमीटर तक हो जाएगी. रिन्यूएबल एनर्जी की बात करें तो आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक है. कोविड के इतने लंबे कार्यकाल के बावजूद भारत तेजी से बढ़ती हुई दुनिया की सबसे अहम अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.
97000 स्टार्टअप्स, 100 यूनिकॉर्न कंपनियों वाला देश बना भारत
मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश बन चुका है. भारत में 97 हजार से ज्यादा स्टार्ट अप्स शुरू हो चुके हैं. इनमें से 100 यूनिकॉर्न्स कंपनियां हैं. नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन देश को एक नई ऊंचाई दे रहा है. इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरियों के उत्पादन मे 18 हजार करोड़ की पीएलआई योजना काम कर रही है. 2023-24 में 10 लाख करोड़ के खर्च से ग्रीन हाइड्रोजन, सौर बिजली और सड़कों से जुड़े प्रोजेक्टों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
9 सालों में दुगुनी तेजी से विकास, 74 से बढ़ कर 148 एयरपोर्ट बन चुके आज
एविएशन सेक्टर में भी भारत की तरक्की ध्यान खींचने वाली है. इन 9 सालों में भारत में एयरपोर्ट का विकास दुगुनी तेजी से हुआ है. एक दशक पहले जहां कुल 74 एयरपोर्ट ही थे, वे अब बढ़कर 148 तक पहुंच चुके हैं. 18 सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनें चलवाई गई हैं. मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार 5 से बढ़कर 20 शहरों में व्याप्त हो गया है
5G के बाद अब 6G, भारत इस तरह कर रहा दिन ब दिन तरक्की
भारत 5जी तकनीक के बाद अब 6जी तकनीक पर भी काम कर रहा है. 5जी टेक्नॉलोजी 40-1, 100 एमबीपीएस की गति तक काम करती है. इसकी मैक्सिकम स्पीड 10000 एमबीपीएस तक जा सकती है. वहीं 6जी तो प्रति सेकंड एक टेराबिट यानी 5 जी से 1000 गुना तेज रफ्तार से काम करने वाला है. भारत में मोदी राज में डिजिटल भुगतान, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, जनधन, आधार, ब्रॉडबैंड सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ और बड़ी तादाद में डिजिटलाइजेशन का काम हुआ. भारत के कोने-कोने में इंटरनेट सेवा पहुंच चुकी है.