सत्ता स्वार्थ के लिए थोपा, ये कलंक कभी नहीं मिटेगा; इमरजेंसी पर शाह का कांग्रेस पर बड़ा हमला

25 जून की तारीख हर साल आती है और इसी के कारण ताजा हो जाती हैं आपाताकल की यादें. 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू कर दी गई. इसके बाद सभी पार्टियों के नेताओं को जेल में डाल दिया गया. पूरे देश में अराजकता का माहौल हो गया था. स्कूलों को जेल बना दिया था. कांग्रेस को आज भी राजनीतिक स्तर पर इसका दंश झेलना पड़ता है. गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर हमला बोला है.

गृह मंत्री शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज ही के दिन 1975 में सत्ता के खातिर एक परिवार ने जनता के अधिकारों को छीन लिया. लोकतंत्र की हत्या कर दी गई. देशवासियों पर आपातकाल थोपा गया. कांग्रेस जब भी बीजेपी पर लोकतंत्र हनन का आरोप लगाती है कि बीजेपी उसको इसी दिन की याद दिला देती है.

सत्ता स्वार्थ के लिए लगाई गई इमरजेंसी
शाह ने कहा कि ये आपातकाल सत्ता स्वार्थ के लिए लगाया गया था. ये कभी न मिटने वाला कलंक है. शाह ने कहा कि आपातकाल कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक था. उन्होंने कहा कि वो बहुत ही कठिन दौर था. अनेक यातनाएं सहकर लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए लाखों लोगों ने संघर्ष किया था. मैं उस सभी देशभक्तों को दिल से नमन करता हूं.

सभी पार्टियों ने मिलकर लड़ा था चुनाव
इतिहास का ये सबसे काला दिन था. एक आदेश ने पूरी देश की आवाम की शक्तियां छीन ली गईं. 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक इमरजेंसी लागू रही. इसके बाद देश में चुनाव हुए और इंदिरा गांधी चुनाव हार गईं थीं. भारतीय राजनीति में सबसे बड़ा उलटफेर हुआ था. सभी पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ीं थीं. लेकिन राजनीतिक अस्थिरता बनी रही. हालांकि इसके बाद जब चुनाव हुए तो इंदिरा गांधी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब रहीं. उस समय राष्ट्रपति थे फखरुद्दीन अली अहमद. इंदिरा गांधी सरकार ने प्रेसिडेंट से आपातकाल लगाने की अपील की. तब भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा की गई.

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