18 साल से कम उम्र का शख्स लिव इन रिलेशन में नहीं रह सकता है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में ये बात कही. अदालत ने कहा कि ऐसा करना न केवल अनैतिक होगा, बल्कि अवैध भी होगा. न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की पीठ ने ये फैसला सुनाया. 17 वर्षीय अली अब्बास और उसकी लिव इन पार्टनर सलोनी यादव (19 वर्ष) की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया. अदालत ने याचिका को भी खारिज कर दिया.
पीठ ने अपने फैसले में कहा कि लिव इन संबंध को विवाह की प्रकृति के संबंध में मानने के लिए कई शर्तें हैं और किसी भी मामले में एक व्यक्ति को वयस्क (18 वर्ष से ऊपर की आयु) होना चाहिए, भले ही पुरुष की विवाह योग्य आयु 21 वर्ष न हो. इसलिए कोई बच्चा लिव इन संबंध में नहीं रह सकता और यह कार्य न केवल अनैतिक होगा, बल्कि अवैध भी होगा.
अदालत ने और क्या कहा
कोर्ट ने कहा कि आरोपी जोकि 18 वर्ष से कम आयु का है, इस आधार पर संरक्षण की मांग नहीं कर सकता कि वह एक वयस्क लड़की के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहा है. इस प्रकार से वह अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द करने की मांग नहीं कर सकता, क्योंकि उसकी गतिविधि कानून के तहत अनुमति योग्य नहीं है और अवैध है.
इसने आगे कहा यदि इसकी अनुमति दी जाती है तो यह हमारे समाज के हित में नहीं होगा. हम ऐसी गतिविधियों पर कानून की मुहर लगाने के इच्छुक नहीं हैं. दोनों याचिकाकर्ताओं ने अपनी संयुक्त याचिका में अदालत से लड़के के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था. लड़के के खिलाफ कथित तौर पर लड़की का अपहरण करने का मुकदमा दर्ज किया गया है. याचिका में लड़के को गिरफ्तार नहीं करने की भी अपील की गई है. यह प्राथमिकी लड़की के परिजनों ने दर्ज कराई थी.