दिल्ली के शराब घोटाला मामले में ED ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजा है. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उन्हें पूछताछ के लिए 2 नवंबर को बुलाया गया है. इससे पहले भी एक बार दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को इस मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई तलब कर चुकी है. इसी मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह जेल में हैं.
सिर्फ शराब घोटाला ही नहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल बार-बार विपक्ष के निशाने पर आते रहे हैं. कभी डीटीसी बस खरीद के नाम पर घोटाले में तो कभी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में. नेताओं की जासूसी कराने और सीएम आवास की मरम्मत पर करोड़ों रुपये खर्च करने को लेकर उठे विवाद में भी दिल्ली सीएम केजरीवाल विपक्ष के निशाने पर रहे हैं.
दिल्ली का शराब घोटाला मामला
प्रवर्तन निदेशालय ने दो दिन पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजा था. यह नोटिस उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए के तहत भेजा गया है. इससे पहले इसी साल अप्रैल माह में सीबीआई ने कथित शराब घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को तलब किया था. सीबीआई के हेड क्वार्टर में उस समय केजरीवाल से तकरीबन 9 घंटे तक पूछताछ की गई थी. उस दौरान आप कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन भी किए थे. इस मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
डीटीसी बस खरीद में घोटाले का आरोप
दिल्ली के कथित शराब घोटाले के अलावा दिल्ली सरकार पर डीटीसी की 100 बसों की खरीद और मेंटीनेंस में अनियमितताओं का आरोप लग चुका है. मुख्य सचिव के प्रस्ताव पर दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना मामले की जांच सीबीआई को सौंप चुके हैं. मामले में दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया गया कि 1000 लो फ्लोर बीएस-4 और बीएस-6 बसों के लिए जुलाई में 2019 की खरीद बोली और 2020 में रखरखाव के अनुबंध के लिए लगी दूसरी बोली में अनियमितताएं हुई हैं. मामला सामने आने के बाद बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा था. बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां तक कहा था कि -‘इतने घोटालों के बाद कैसे कहा जाए कि दिल्ली में कट्टर ईमानदार सरकार है’
क्लास रूम घोटाले का आरोप
दिल्ली में क्लास रूम घोटाले को लेकर भी भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा था. भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के स्कूलों को 2400 कमरों की जरूरत थी, जिसे बढ़ाकर 7180 किया गया और कंस्ट्रक्शन राशि भी बढ़ाई गई. इसके बाद 6133 क्लासरूम बनाए जाने थे, लेकिन सिर्फ 4027 क्लास ही बनाए गए. इसी तरह शौचालयों की जरूरत भी ज्यादा बताई गई, लेकिन इनकी गिनती भी क्लासरूम में करा दी गई. भाजपा की ओर से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी कम बनवाए जाने का आरोप लगाया गया था. हालांकि आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों का खंडन किया था.
जासूसी मामला
दिल्ली में 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद एक फीडबैक यूनिट बनाई गई थी, इसका काम विभागों, संस्थानों की निगरानी करना था. इसे लेकर दिल्ली सरकार और सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा गया था. फीडबैक यूनिट पर विपक्षी दलों के नेताओं की जासूसी का आरोप था. सीबीआई ने चुपचाप मामले की जांच शुरू की. 2016 में विजिलेंस डायरेक्टर ने इस पर केस दर्ज करने की इजाजत मांगी थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक फीडबैक यूनिट को जो काम दिया गया था, वह उसके अलावा भी खुफिया जानकारियां जुटा रही थी.
बंगले के रेनोवेशन का मामला
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन के मामले की जांच भी सीबीआई के पास है. जांच एजेंसी ने 27 सितंबर को इसे लेकर केस दर्ज किया था. दरअसल इसी साल 12 मई को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी थी, इसमें बंगले पर तकरीबन 52 करोड़ रुपये खर्च होने की बात कही गई थी. इसके 18 दिन बाद पीडब्ल्यूडी अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इस मामले पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा, आप को खत्म करने की कोशिश कर रही है.