देशभर में दिवाली के मौके पर सड़कों पर खूब पटाखे जलाए गए. राजधानी दिल्ली में पहले ही प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में है, वहीं दिवाली पर जलाए गए पटाखों के कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है. हालांकि सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था. लेकिन इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर में पटाखे फोड़े गए.
वहीं दिवाली की रात लोगों द्वारा पटाखे जलाने के बाद राजधानी में धुंध की मोटी परत छा गई, जिससे पूरे शहर में भारी प्रदूषण फैल गया. बतादें कि दिल्ली पहले से ही अपनी बिगड़ती वायु गुणवत्ता से जूझ रही है. दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर घनी धुंध छाई हुई दिखाई दे रही है, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई है और कुछ सौ मीटर से आगे देखना मुश्किल हो गया है.
प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली
ध्यान देने वाली बात यह है कि राजधानी दिल्ली पिछले कुछ हफ्तों से प्रदूषण से जूझ रही है. कई स्थानों पर AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और कई दिनों तक हवा जहरीली बनी रही, लेकिन दिवाली के बाद, अब यह बहुत संभावना है कि एक बार फिर प्रदूषण के स्तर में ज्यादा वृद्धि देखी जाएगी, जिससे लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी.
पटाखे जलाने पर प्रतिबंध
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की AAP सरकार ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. प्रदूषण की स्थिति के मद्देनजर, सरकार खराब हवा से निपटने के लिए ‘कृत्रिम बारिश’ पर भी विचार कर रही थी. हालांकि अचानक बारिश से बड़ी राहत मिली, जिससे प्रदूषण का स्तर कम हो गया. लेकिन अब पटाखे जलने के बाद एक बार फिर दिल्ली का प्रदूषण स्तर बढ़ गया है.
कई इलाकों में आतिशबाजी
सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर किए गए ताजा पोस्ट और रिपोर्ट्स से पता चला है कि अलग-अलग जगहों पर बड़ी संख्या में लोगों ने पटाखे जलाए. लोधी रोड, आरके पुरम, करोल बाग और पंजाबी बाग से रविवार रात के तस्वीरों में राजधानी के कई इलाकों में रात के आकाश को रोशन करते हुए तेज आतिशबाजी दिखाई दी.
दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब
प्रदूषण से संबंधित पिछले आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब स्थिति में है. शहर में पीएम 2.5 की कंसेंट्रेसन विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सीमा से 20 गुना अधिक दर्ज की गई है, जिसके कारण शहर सरकार को सभी प्राथमिक कक्षाओं को बंद करने और ट्रकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का आदेश देना पड़ा है.
आठ साल में सबसे बेहतर रही हवा
दिवाली के दिन रविवार को राजधानी की वायु गुणवत्ता आठ साल में सबसे बेहतर दर्ज की गई थी. वहीं पटाखे जलाने और रात में तापमान कम रहने से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हो गई. दिल्ली वासियों की सुबह साफ आसमान और खिली धूप के साथ हुई और शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 218 रहा, जो बीते कम से कम तीन सप्ताह में सबसे अच्छा है.
दिवाली के आंकड़े
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था. शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 220 था, जो पिछले आठ वर्षों में दिवाली से एक दिन पहले सबसे कम रहा था.
राजधानी में दमघोंटू धुंध
इस बार, दिवाली से ठीक पहले दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में तेजी से सुधार हुआ. इसकी सबसे बड़ी वजह शुक्रवार को रुक-रुक हुई बारिश और प्रदूषकों को उड़ा ले जाने के लिहाज से हवा की अनुकूल गति का होना है. गुरुवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 437 था. शहर में 28 अक्टूबर से दो सप्ताह तक हवा की गुणवत्ता बेहद खराब से गंभीर तक रही और इस अवधि के दौरान राजधानी में दमघोंटू धुंध छाई रही.