केंद्र सरकार की ओर से पिछले 10 सालों में जनता के लिए जो काम किया गया है उसकी एक बानगी एक खास मिशन के जरिए दिखाए जाने की कोशिश की जा रही है. केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (15 नवंबर) को झारखंड के खूंटी से विकसित भारत मिशन की शुरुआत करेंगे. विकसित भारत की झलक दिखाने के साथ-साथ आदिवासियों की जिंदगी को कैसे और बेहतर बनाया जाए इसके लिए समग्र योजनाओं की तस्वीर पेश की जाएगी.
टीवी 9 भारतवर्ष को मिली जानकारी के मुताबिक देश के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से होकर विकसित भारत मिशन गुजरेगी. इसमें देश के फिलहाल 69 जिलों के 393 ब्लॉक और 8,940 पंचायत को शामिल किया गया है.
क्या है विकसित भारत मिशन
सूत्रों के मुताबिक देश में आदिवासियों को सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री मोदी 15 नवंबर को पीएम पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) विकास मिशन शुरू करेंगे. जिसके माध्यम से आदिवासियों की जीवनस्तर को कैसे बेहतर बनाया जाए इसकी शुरुआत की जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने आदिवासियों के जनकल्याण के लिए पीवीटीजी के जरिए समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए 24,000 करोड़ की योजना शुरू की है. साथ ही आजादी के बाद से इस पहले मिशन के तहत सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस मनाने का फैसला किया है.
क्या है पीवीटीजी मिशन
केंद्र सरकार ने 2023-24 के बजट में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन शुरू करने की घोषणा की थी. 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 75 पीवीटीजी 22,544 गांवों (220 जिलों) में रहते हैं जिनकी आबादी करीब 28 लाख है.
इस ग्रुप में किन लोगों को शामिल किया गया
सरकार के सूत्रों के अनुसार जिन लोगों को इस योजना में शामिल किया गया है उसमें रहने वाले लोग दुर्गम बस्तियों में रहते हैं. इनके लिए परिवारों और बस्तियों को बेहतर दूरसंचार कनेक्टिविटी, बिजली, आवास, स्वच्छ पेजयल और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं से लैश करने की एक समग्र योजना बनाई गई है.
जानकारी के मुताबिक, विकसित भारत यात्रा के तहत केंद्र सरकार के 9 मंत्रालयों के अलग-अलग कार्यों को समन्वित किया गया है. इसमें एक रथ बनाया गया है जिसके माध्यम से गांव देहात के लोगों तक सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश किया जाएगा.
विकसित भारत यात्रा के दौरान यह भी जानने की कोशिश की जाएगी कि ऐसे कौन-कौन से काम हैं जो अब तक पूरे नहीं हो सके हैं. ऐसी कौन सी योजना है जो जनता तक अभी तक नहीं पहुंच सकी है या जनता सरकार की उस योजना से महरुम है.