दिल्ली के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए लाए गए घायल मरीज को भर्ती कर इलाज करने से इनकार करने वाले GTB और LNJP के कुल 4 डॉक्टरों के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सख्त कदम उठाया है. आरोप है कि इन डॉक्टरों ने पुलिस द्वारा घायल अवस्था में लाए गए एक मरीज को भर्ती कर इलाज करने से मना कर दिया था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार अपने नागरिकों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कटिबद्ध है. इस तरह की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
पूरे मामले में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने GTB और LNJP अस्पताल के 2 डॉक्टर को बर्खास्त करने और दोनों अस्पतालों के एक-एक डॉक्टर को सस्पेंड करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी मंजूरी दे दी है. यह फाइल आगे की मंजूरी के लिए LG के पास भेज दी गई है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल 3 जनवरी को खबर आई थी कि दिल्ली पुलिस की चलती वैन से एक शख्स कूद गया था. पुलिस उस व्यक्ति को एक मामले में हिरासत में लेकर जा रही थी. चलती पुलिस वैन में कूदने से उसे गंभीर चोटें आई थीं. पुलिस गंभीर रूप से घायल शख्स को पहले जग जीवन प्रकाश अस्पताल ले गई लेकिन वहां से मरीज को GTB अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. जब पुलिस उसे GTB लेकर गई तो उस समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया
GTB अस्पताल भर्ती करने से इनकार करने के बाद पुलिस घायल को लेकर LNJP अस्पताल पहुंची, लेकिन यहां पर भी उस दौरान ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने घायल को भर्ती कर इलाज करने से मना कर दिया. समय पर इलाज नहीं मिलने के चलते गंभीर रूप से घायल शख्स की मौत हो गई.
जानकारी मिलने पर हरकत में सरकार
मामला के संज्ञान में आने के तुरंत बाद दिल्ली सरकार ने दोनों अस्पतालों के जिम्मेदार डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी. दिल्ली सरकार ने इन अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया और मामले की गंभीरता से जांच कराई गई. संबंधित अथॉरिटी की जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि इस पूरे मामले में शामिल चिकित्सा अधिकारियों के बीच सहानुभूति और व्यावसायिकता की कमी थी. जांच रिपोर्ट में दोनों अस्पतालों के 2-2 डॉक्टरों को दोषी पाया गया.