लोकसभा चुनाव के लिए अब तक औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सत्ता की हैट्रिक लगाने और 370 सीटें जीतने की कोशिश में लगी हुई है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक यानि कश्मीर से कन्याकुमारी तक ‘मोदी गारंटी’ की सियासी पिच तैयार करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद जुट गए हैं. पीएम मोदी अगले 10 दिनों में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का तूफानी दौरा आज सोमवार से शुरू कर रहे हैं, जहां वो विकास की सौगात देकर लोकसभा चुनाव के समीकरण को बीजेपी के पक्ष में करने की कवायद करते नजर आएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों देश भर के अलग-अलग राज्यों के तबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं और लाखों-करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी कर रहे हैं. इस तरह से वो लोकसभा चुनावों से पहले राज्यों को विकास की सौगात से नवाज रहे हैं. अब अगले 10 दिनों में पीएम मोदी 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 29 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, जम्मू-कश्मीर, असम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान का दौरा करेंगे. इसके अलावा दिल्ली में भी एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
तेलंगाना-तमिलनाडु में बदल पाएंगे समीकरण
पीएम मोदी अपने दौरे की शुरुआत आज तेलंगाना से कर रहे हैं. तेलंगाना के आदिलाबाद में प्रधानमंत्री 56,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इसके बाद आदिलाबाद में एक जनसभा को पीएम मोदी संबोधित भी करेंगे. इसके बाद वो तमिलनाडु भी जाएंगे. इस दौरान कलपक्कम में परमाणु ऊर्जा के भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम के एक कार्यक्रम में शामिल होंगे और शाम को चेन्नई में जनसभा को संबोधित भी करेंगे. पीएम कल मंगलवार को संगारेड्डी में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे और जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
तमिलनाडु में एक भी सीट बीजेपी के पास नहीं जबकि तेलंगाना में चार लोकसभा सांसद हैं. पीएम मोदी का इस साल तेलंगाना का यह दूसरा दौरा है जबकि तमिलनाडु का चौथा दौरा होगा. तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटें और तमिलनाडु में 39 लोकसभा सीटें हैं. बीजेपी के 370 और एनडीए के 400 पार टारगेट के लिहाज से दक्षिण के ये दोनों ही राज्य काफी अहम है, जहां पर विपक्षी दलों की सरकार है. बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा चुनौती तमिलनाडु में है, जहां पर उसे महज साढ़े तीन फीसदी वोट ही 2019 में मिले थे. तेलंगाना में बीजेपी का सियासी ग्राफ लोकसभा चुनाव में बढ़ा था, लेकिन विधानसभा में कांग्रेस की वापसी के साथ घट गया है. इसीलिए पीएम मोदी तबड़तोड़ दौरे कर बीजेपी के लिए सियासी पिच तैयार करने में जुट गए हैं, लेकिन देखना है कि लोकसभा चुनाव में कितना सियासी समीकरण बदल पाते हैं?
ओडिशा-पश्चिम बंगाल को कितना साध पाएंगे?
दक्षिण भारत में दो दिन गुजारने के बाद पीएम मोदी मंगलवार को ही ओडिशा पहुंचेंगे, जहां चंडीखोल जाजपुर में परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के साथ-साथ जनसभा को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी बुधवार छह मार्च को कोलकाता में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. इस तरह से ओडिशा और बंगाल दोनों ही राज्य में विकास की सौगात से समीकरण साधने की कवायद करते नजर आएंगे. 10 मार्च को पीएम मोदी पश्चिम बंगाल का अपना तीसरा दौरा करेंगे. बंगाल के सिलीगुड़ी में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. इसके बाद एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने बंगाल और ओडिशा में अपनी सियासी आधार बढ़ाया है, लेकिन क्षत्रपों के दबदबे के चलते अपनी जड़ें जमा नहीं सकी है. ओडिशा में नवीन पटनायक तो बंगाल में ममता बनर्जी बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती है. पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें है जबकि ओडिशा में 21 लोकसभा सीटें हैं. 2019 में बीजेपी बंगाल में 2 से बढ़कर 18 पर पहुंच गई थी जबकि ओडिशा में एक सीट से बढ़कर 8 पर पहुंच गई. इस तरह से दोनों ही राज्यों में बीजेपी नंबर 2 की पार्टी है, लेकिन उसकी नजर नंबर वन की पार्टी बनने पर है. बीजेपी के 370 सीट वाले टारगेट हासिल करने के लिए दोनों ही राज्य काफी अहम माने जा रहे हैं. बीजेपी ओडिशा में अपनी सीटों को बढ़ाने तो बंगाल में बरकरार रखने की चुनौती होगी. देखना है कि पीएम मोदी विकास की सौगात से कितना प्रभाव जमा पाते हैं?
बिहार और जम्मू-कश्मीर तक साधने का प्लान
प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर से बिहार की यात्रा पर निकलेंगे और बेतिया में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. पीएम मोदी ने अभी 2 मार्च को ही औरंगाबाद और बेगुसराय का दौरा किया था. नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी के बाद पीएम मोदी ने बिहार में सियासी माहौल बनाना शुरू कर दिया है, क्योंकि विपक्षी INDIA गठबंधन ने भी बिहार पर फोकस कर रखा है. INDIA गठबंधन ने अपनी पहली रैली पटना के गांधी मैदान से करके सियासी बिगुल फूंक दिया है, जिसके बाद पीएम मोदी दूसरी बार बिहार पहुंचेंगे. बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं और 2019 के चुनाव में बीजेपी नीतीश के साथ मिलकर 39 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, जिसे फिर से दोहराने की चुनौती होगी.
बिहार के बाद पीएम मोदी 7 मार्च को जम्मू-कश्मीर जाएंगे. वो श्रीनगर के एसकेआईसीसी स्टेडियम में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इसके बाद एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. पीएम मोदी हाल ही में जम्मू रीजन का दौरा किया था और अब श्रीनगर जा रहे हैं. धारा 370 के खत्म होने और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बनाए जाने के बाद बीजेपी की नजर सभी पांच सीटों पर जीत हासिल करने की है. ऐसे में पीएम मोदी का घाटी दौरा काफी अहम माना जा रहा है. वहीं, 8 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में पहले राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार में हिस्सा लेंगे और उसी दिन शाम को पूर्वोत्तर के दौरे पर निकल जाएंगे.
पूर्वोत्तर को साधने का पीएम मोदी का दांव
पीएम मोदी 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर होंगे, जहां पर सेला सुरंग का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी ईटानगर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. इसके बाद असम के जोरहाट में लाचित बरफुकन की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. जोरहाट में भी पीएम कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. अरुणांचल प्रदेश में 2 लोकसभा सीटें हैं और दोनों पर ही बीजेपी का कब्जा है जबकि असम में 14 सीटें है, जिनमें से 9 सीटें बीजेपी जीती थी. पूर्वोत्तर के राज्यों में कुल 25 लोकसभा सीटें है, जिनमें से ज्यादातर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों का कब्जा है. बीजेपी इन सीटों पर हर हाल में अपना दबदबा बनाए रखना चाहती है.
यूपी-राजस्थान-गुजरात में पीएम मोदी का दौरा
पीएम मोदी 10 मार्च को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ आएंगे. वह यहां कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. 11 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली के पूसा में नमो ड्रोन दीदी और लखपति दीदी से जुड़े एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इसके बाद द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा खंड का उद्घाटन करेंगे और शाम को डीआरडीओ के एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसके बाद पीएम मोदी 12 मार्च को गुजरात के साबरमति जाएंगे और उसके बाद राजस्थान के जैसलमेर के पोखरण का भी दौरा करेंगे. फिर 13 मार्च को पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात और असम में 3 महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे.
बीजेपी के लिए ये चारों ही राज्य काफी मजबूत माने जाते हैं और पार्टी ने क्लीन स्वीप का टारगेट सेट कर रखा है. 2014 और 2019 में बीजेपी ने यूपी छोड़कर बाकी राज्यों की सभी की सभी सीटें जीतने में कामयाब रही थी. हालांकि, यूपी में भी बीजेपी दो तिहाई सीटें जीतने में कामयाब रही थी. इन चारों राज्यों में कुल 138 लोकसभा सीटें आती हैं, जिनमें से 123 सीट पर बीजेपी का फिलहाल कब्जा है. अब 2024 में भी पार्टी इन सभी 138 सीटों पर अपनी जीत दर्ज करने की कोशिश में है, जिसके लिए पीएम मोदी एक के बाद एक ताबड़तोड़ दौरा कर रहे हैं.
मोदी गारंटी से 2024 की पिच कर रहे तैयार
आम चुनाव-2024 से पहले प्रधानमंत्री मोदी अलग-अलग राज्यों में लाखों-करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण कर रहे हैं. सियासी पंडितों का मानना है कि पीएम मोदी अपने 10 साल के कार्यकाल में हुए विकास और भाजपा नीत सरकार के कल्याणकारी एजेंडे की तरफ जनता का ध्यान खींचने का प्रयास कर रहे हैं ताकि सियासी माहौल के अपने पक्ष में बनाया जा सके. पीएम मोदी ने 10 दिनों में जिस तरह से 300 से ज्यादा लोकसभा सीटों को साधने का दांव चला है, उसे देखना है कि 2024 में नतीजों में कितने तब्दील होते हैं?