दिल्ली सरकार में मंत्रियों और अधिकारियों के बीच एक बार फिर से तनाव की स्थिति बनती दिख रही है. मामला 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस से जुड़ा है. दिल्ली की मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर के बिना ही स्वतंत्रता दिवस पर दिल्लीवासियों को बधाई देने से जुड़ा विज्ञापन जारी करने के लिए सूचना एवं प्रचार विभाग के निदेशक और सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही पूछा है विज्ञापन का खर्चा क्यों न आप की सैलरी से काट ली जाए? मंत्री आतिशी ने 20 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अधिकारियों से इस संबंध में जवाब मांगा है. नोटिस में कहा गया है कि 14 अगस्त के लिखित निर्देशों और मुख्यमंत्री की फोटो वाले पूरे पेज के विज्ञापन को लेकर क्रिएटिव और मीडिया प्लान की स्पष्ट मंजूरी दिए जाने के बावजूद, DIP ने अपने अधिकार के तहत और मंत्री की मंजूरी के बिना ही 15 अगस्त 2024 को सीएम अरविंद केजरीवाल की तस्वीर के बिना आधे पेज का विज्ञापन जारी किया, जो प्रभारी मंत्री के निर्देशों का पूर्ण रूप से उल्लंघन है. और यह जानबूझकर अवज्ञा और घोर अवज्ञा के बराबर है.
3 दिन में देना होगा नोटिस का जवाब
नोटिस में आगे कहा गया, “आपको कारण बताओ नोटिस दिया जाता है कि आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए? कारण बताओ नोटिस मिलने के 3 दिनों के भीतर जवाब दिया जाए.” स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली सरकार की ओर से जारी विज्ञापन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इमेज शामिल नहीं करने के मुद्दे पर दिल्ली की सूचना और प्रचार मंत्री आतिशी ने सूचना एवं प्रचार निदेशालय (DIP) और सचिव को कड़ी फटकार लगाई है. मंत्री ने दिल्ली के सूचना एवं प्रचार निदेशालय और सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए मंत्री आतिशी ने सवाल किया, “प्रभारी मंत्री की मंजूरी के बिना प्रकाशित विज्ञापनों की लागत आपके वेतन से क्यों न वसूली जाए?”
बदलाव के लिए मंत्री से नहीं ली मंजूरी
दरअसल, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त को मंत्री आतिशी ने निर्देश दिया कि पिछले कई सालों से चली आ रही परंपरा की तरह ही इस साल भी स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर वाला एक पूरे पेज का विज्ञापन जारी किया जाए. इसके लिए मंत्री आतिशी ने यह तर्क भी दिया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के मुखिया हैं और मुख्यमंत्री की तस्वीर लोकतंत्र और स्वतंत्रता के मूल्यों का प्रतीक है. हालांकि जो विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित किए गए उनके लिए मंत्री से जरुरी मंजूरी नहीं ली गई थी, जो कि पूरी प्रक्रिया समझौतापूर्ण है और प्रक्रियात्मक रूप से अमान्य है.
बदलाव का अधिकार किसके पास?
आम आदमी पार्टी की नेता और मंत्री आतिशी ने नियमों का हवाला देते हुए जारी नोटिस में कहा है कि सूचना और प्रसारण मंत्री फैसला लेने या निर्देश पारित करने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं और निदेशालय से संबंधित मामलों के निपटान के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं. नोटिस में यह भी कहा गया है कि बिना अनुमति के विज्ञापन बदलना DIP सचिव और निदेशक द्वारा GNCTD अधिनियम, संविधान के अनुच्छेद 239 एए, सुप्रीम कोर्ट के 4 जुलाई, 2018 के फैसले के साथ-साथ अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के प्रासंगिक नियमों का खुला उल्लंघन है.