देश भर के ट्रक ऑपरेटर और ट्रांसपोर्टर अपनी मांगो को लेकर हड़ताल पर चले गए है. सरकार की ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के खिलाफ इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट संगठन के बैनर तले की गयी हड़ताल में देश भर के लाखो ट्रक और बस शामिल है. हड़ताल के चलते खाने-पीने और रोजमर्रा की जरूरतों वाली चीजों के दाम बढ़ सकते है साथ ही ट्रकों की रफ़्तार रूक जाने के बाद सामानों की आपूर्ति प्रभावित होगी जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।
ट्रक ऑपरेटर और ट्रांसपोर्टर की मांग है:
डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए और डीज़ल के दामों में कमी की जाए क्योकि तेल के दामों में रोजाना बढ़ोत्तरी होने से किराया तय करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. डीज़ल के दाम बढ़ने से ट्रक मालिकों को नुकसान उठाना पड़ता है.
हर साल थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम बढ़ाता जा रहा है जिसे लेकर उपभोक्ता और थर्ड पार्टी के बीच कमीशन को लेकर वाद-विवाद बना रहता है.
थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की छूट मिले. बीमा कराने के दौरान थर्ड पार्टी बीमा एजेंट्स को कमीशन मिलता है उसे समाप्त किया जाए.
बस और पर्यटन वाहनों के आल इंडिया परमिट दिए जाये. टोल सिस्टम में बदलाव किया जाये.
ई बिल के दौरान आने वाली समस्याओ को देखते हुए नियमो में संशोधन किया जाये.
हमने कुछ ट्रक ऑपरेटर से बात की जिसमे फरीदाबाद के ट्रक ऑपरेटर सुनील कुमार का कहना है कि सरकार की ट्रांसपोर्ट पॉलिसी काफी जटिल है जिसमे सुधार होने की आवश्यकता है.
उनके मुताबिक डीज़ल के दाम रोज बदल रहे है. ट्रक का किराया कई बार अपनी जेब से ही उठाना पड़ता है. हड़ताल का सहयोग करते हुए उन्होंने भी दूसरे राज्यों से आने वाला सामान रोक दिया गया है .