नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने सोमवार शाम को पार्टियों के नए दर्जों का ऐलान किया है. इस दौरान चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया है. इस पर पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रक्रिया देते हुए इस घटना को ‘चमत्कार’ बताया है. वहीं 3 राष्ट्रीय पार्टियों से चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय पर्टी का दर्ज वापल लिया है. जिनमें टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई शामिल हैं.
चुनाव आयोग की इस घोषणा पर आम आदमी पार्टी के नेताओं से खुशी जाहिर की है. पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट में सवालिया अंदाज में लिखा है कि इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? बाद में उन्होंने इस घटना को एक चमत्कार बताया है. इस दौरान उन्होंने पार्टी के सभी नेताओं और समर्थकों को बधाई दी है.
उन्होंने कहा कि देश के करोड़ों लोगों ने उन्हें यहां तक पहुंचाया है. लोगों ने उनसे उम्मीदें रखी हैं जो कि उनके लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है. इस पर पार्टी के अन्य नेताओं ने रिएक्शन दिए हैं. चुनाव आयोग ने कहा कि आम आदमी पार्टी के दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात चुनावों में उसके प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया है.
- यहां पढ़िए दर्जा पाने वाली पार्टियों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं:-
- राष्ट्रीय पार्टी को विशेष चुनाव चिन्ह दिया जाता है और उस चुनाव चिन्ह को पूरे देश में कोई और पार्टी इस्तेमाल नहीं कर सकती है.
- जिन पार्टियों को मान्यता मिल जाती है, उन्हें नामांकन दाखिल करने के लिए सिर्फ एक ही प्रोपोजर की आवश्यकता होती है.
- जिन पार्टियों को राज्य और राष्ट्रीय पार्टियों का दर्जा दिया जाता है उन पार्टियों को वोटर लिस्ट के दो सेट दिए जाते हैं, वहीं उनकी पार्टी से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को भी वोटर लिस्ट आयोग की ओर से फ्री में दी जाती है.
- इन पार्टियों को अपने ऑफिस बनाने के लिए सरकार की ओर से भूमि या कोई भवन अलॉट किए जाते हैं.
- राज्य और राष्ट्रीय मान्यता वाले दल चुनावों के दौरान 40 स्टार प्रचारक तक बुला सकते हैं. जबकि अन्य पार्टियां 20 स्टार प्रचारकों को ही रख सकती हैं. बता दें कि स्टार प्रचारकों का खर्चा उनकी पार्टी कैंडिडेट के खर्चे में नहीं जोड़ा जाता है.
- इन पार्टियों को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर संचार के माध्यमों पर ब्रॉडकास्ट/टेलीकास्ट करने की इजाजत दी जाती है ताकि वह अपना मैसेज ज्यादा से ज्यादा लोगों तक भेज सकें.
- अगर किसी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिया जाता है तो उसे देश की राजधानी दिल्ली में सस्ती दरों पर जमीन अलॉट की जाती है ताकि वह अपने दफ्तर बना सकें.
- राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष को दिल्ली में एक सरकारी बंगला आवंटित किया जाता है.