जी-20 समिट के सफल आयोजन के बाद भारत P20 शिखर समेल्लन का आयोजन कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अक्टूबर को इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. दो दिवसीय इस बैठक का आयोजन द्वारका के इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ में आयोजित होगा. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को ‘यशोभूमि’ और इसके आसपास की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा की. बता दें कि यह पी-20 का नौवां शिखर सम्मेलन है. इसमें अब केवल छह दिन शेष हैं.
P20 सम्मलेन का मुख्य विषय ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’ रखा गया है. इस सम्मलेन में जी-20 देशों के अलावा 10 अन्य देश और अंतराष्ट्रीय संगठन भाग लेंगे. अफ्रीकी संसद के अध्यक्ष भी पहली बार भारत में हो रहे इस पी-20 कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. लोकसभा स्पीकर द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अबतक 26 स्पीकर, 10 उपाध्यक्षों, 01 समिति अध्यक्ष और IPU के अध्यक्ष सहित करीब 50 संसद सदस्यों और 14 महासचिवों ने इस सम्मेलन में भागीदारी की पुष्टि की है.
कनाडा संसद के अध्यक्ष भी होंगे शामिल
सबसे बड़ी व खास बात ये है कि कनाडा की संसद के अध्यक्ष भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस सम्मेलन के जरिए भारत का लक्ष्य अधिक समावेशी, शांतिपूर्ण और न्यायसंगत विश्व की दिशा में जटिल वैश्विक मुद्दों का सर्वसम्मति पर आधारित समाधान प्रदान करना है. ओम बिरला ने बताया कि P-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चार उच्च स्तरीय सत्रों का आयोजन किया जाएगा.
चार सत्रों का होगा आयोजन
- SDG के लिए एजेंडा 2030: उपलब्धियों का प्रदर्शन, प्रगति में तेजी लाना
- सतत ऊर्जा परिवर्तन: हरित भविष्य के प्रवेश द्वार
- लैंगिक समानता को मुख्यधारा में लाना: महिला सशक्तिकरण एवं महिलाओं के नेतृत्व में विकास
- सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों के जीवन में परिवर्तन.
- पी-20 सम्मेलन में एक ज्वाइंट डिक्लेरेशन भी लाया जाएगा. इसके जरिए विश्व के तमाम देशों को समानता, भाईचारा और एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की जाएगी.