उत्तर प्रदेश में विधानसभा शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन है. शुक्रवार को सत्र में अपनी बात रखते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मैं सदन में ये दावे के साथ कह रहा हूं कि एक दिन बीजेपी वाले भी जातीय जनगणना के साथ खड़े हो जाएंगे.
सदन में नेता विरोधी अखिलेश यादव ने कहा कि जब हम यहां आए तो लॉलीपॉप देकर बैठने की बात की गई. सवाल यह उठ रहा है कि जब पूर्ण बजट खर्च नहीं किया गया. बजट का 65 पैसा बचा हुआ है. आखिर में यह बजट लाया ही क्यों गया जब पैसा ही खर्च नहीं किया गया या फिर ऐसा है कि इस सरकार के पास कोई विजन नहीं है. सरकार ने जो कहा था वो नहीं किया गया.
योगी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ‘जो कहा वह नहीं किया’ यह सरकार का असली नारा होना चाहिए. क्योंकि सरकार कहती है कि यूपी की अर्थव्यवस्था 1 ट्रिलियन डॉलर का बना देंगे. सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को लेकर भी बजट में पैसा मांग रही है. सरकार को यह सोचना चाहिए या कहना चाहिए कि वह आधे-अधूरे उद्घाटन थे.
राज्य की अर्थव्यस्था को लेकर योगी सरकार को घेरा
पूर्व सीएम ने आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था की तुलना जब बाकी राज्यों से की जाती है तब यूपी का स्थान 18वें नंबर आता है. डबल इंजन की सरकार है तो दिखना चाहिए, वित्त मंत्री मुख्यमंत्री को गुमराह करते हैं. राज्य के अस्पतालों को पीपीपी मॉडल पर देना चाहती है. सरकार इसलिए मंत्रियों की ड्यूटी लगाई है, लेकिन अस्पताल की स्थिति क्या है वो खुद देखकर बता सकते हैं.
‘मैं किसी योजना के खिलाफ नहीं बोलूंगा’
अखिलेश यादव ने कहा कि मैं किसी योजना से किसी गरीब का लाभ हो जाए उसके खिलाफ नहीं बोलना चाहता हूं. एक आयुष्मान योजना है, उससे भी अच्छी योजना बनाई जाए, कभी समाजवादियों ने ऐसा करके दिखाया भी था. लोहिया इंस्टीट्यूट नेताजी की सोच पर आधारित है. सैफई का इंस्टिट्यूट भी उसी आधार पर बना है. यह सरकार लखनऊ से दिल्ली और दिल्ली से मुंबई तक मेडिकल कॉलेजों का प्रचार करती है. जबकि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करने वाले राज्यों की सूची में इसका नाम ही नहीं है.
अखिलेश बोले- सरकार चाहती है लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाएं
पूर्व सीएम ने योगी सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि यह सरकार चाहती है कि लोग प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज करवाएं. इसलिए ही तो स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर आपका बजट मात्र 174 करोड़ रुपए है. नेता सदन भी जानते होंगे या उनके पास जो जनता दरबार में आते होंगे वो बताते होंगे.