BJP का ‘मुस्लिम जोड़ो अभियान’ तेज, तैयार की रणनीति, दिल्ली में हुई बड़ी बैठक

साल 2024 लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समाज बीजेपी के वोटर बनें, इसके लिए पार्टी ने बड़े पैमाने पर रणनीति बनाकर मैदान में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है. मुस्लिम समाज में पैठ बढ़ाने के लिए अल्पसंख्यक मोर्चे के साथ-साथ बीजेपी ने पूरे संगठन को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है.

उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में मुस्लिम प्रत्याशियों के जीतने से उत्साहित बीजेपी ने ‘मुस्लिम जोड़ो अभियान’ का मेगा प्लान तैयार किया है. 2024 की तैयारी में जुटे बीजेपी के नेता अब मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए नई रणनीति से जुगत में लग गए हैं और 2024 में कोर वोट में नुकसान की भरपाई बीजेपी शायद मुस्लिम वोटों से करना चाहती है. इसके लिए पार्टी ने मुस्लिम समाज में पैठ बनाने के लिए बड़े पैमाने पर रणनीति तैयार की है.

दिल्ली में बुलाई गई बड़ी बैठक

रणनीति को अमली जामा पहनाने के लिए आज मुस्लिम पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की एक बड़ी बैठक दिल्ली में बुलाई. इसमें देश भर के अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता और पार्टी में काम करने वाले दूसरे मुस्लिम नेताओं को बुलाया गया. बैठक बीजेपी के संगठन महामंत्री बी एल संतोष ने ली. साथ ही बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और और कई दूसरे नेताओं ने भी बैठक में हिस्सा लिया.

पार्टी ने बनाई रणनीति

मुस्लिम समाज में बीजेपी का आधार कैसे बढ़े, अधिक से अधिक मुस्लिम समाज के लोग बीजेपी से कैसे जुड़े? इस पर पार्टी ने अपनी रणनीति बनाई. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने तो यहां तक दावा कर दिया कि मुसलमानों की असल पार्टी बीजेपी है.

पसमांदा मुसलमानों पर डोरे डाल रही BJP

हिंदुत्व की राजनीति के साथ-साथ मुस्लिम वोटरों को पार्टी से जोड़ने के पीछे बीजेपी की एक बड़ी रणनीति है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान से शुरू होती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सर्व समाज को जोड़ो और सबको गले लगाओ. लिहाजा बीजेपी ने एक पुख्ता रणनीति बनाकर सबसे पहले पसमांदा मुसलमानों पर डोरे डालने शुरू किए और अब मुस्लिम समाज के अलग-अलग वर्गों में जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है. बीजेपी को भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोक कल्याणकारी कामों की वजह जिस में कोई भेदभाव नहीं हुआ है. इसलिए मुस्लिम समाज बीजेपी से जुड़ सकता है.

बीजेपी को कम उठाना पड़ेगा ध्रुवीकरण का नुकसान

मुस्लिम समाज को बीजेपी से जोड़ने की बेचैनी जो पार्टी नेताओं में दिखती है, उसकी कई वजह हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुस्लिम समाज अगर बीजेपी से जुड़ता है तो ध्रुवीकरण का नुकसान बीजेपी को कम उठाना पड़ेगा और दूसरे बीजेपी पर से मुस्लिमों के लिए अछूत होने का ठप्पा मिट जाएगा. वैसे बीजेपी काफी दिनों से मुस्लिम समाज में पैठ बढ़ाने की कोशिश में लगी है,लेकिन अब 2024 के पहले बीजेपी कम से कम 10 फ़ीसदी मुस्लिम वोट को अपने साथ जोड़ने की तैयारी कर रही है. इसके किए पसमांदा के साथ साथ केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों, व्यापारियों और कामगारों और पढ़े लिखे मुस्लिमो को साथ लेने की तैयारी बीजेपी ने की है.

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